कोरबा में मशाल जुलूस से पहले कांग्रेस में गुटबाजी का विस्फोट, कांग्रेस नेता विकास सिंह पर उठे सवाल….
कोरबा। कांग्रेस पार्टी जहाँ पूरे देश में “वोट चोर गद्दी छोड़” के नारे के साथ आंदोलन और सभाओं में जुटी है, वहीं छत्तीसगढ़ में खुद उसकी गुटबाजी खुलकर सामने आ रही है। 16 सितंबर को कोरबा में होने वाले मशाल जुलूस से पहले शहरभर में लगे बड़े-बड़े पोस्टर और बैनर कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति को बेनकाब कर रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री की तस्वीर गायब
सबसे बड़ा सवाल यह है कि कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तस्वीर इस पूरे आयोजन के पोस्टरों से गायब है। जबकि जनता भली-भांति जानती है कि बघेल कांग्रेस की रीढ़ माने जाते हैं। ऐसे में उनकी अनुपस्थिति ने यह संदेश दिया है कि कांग्रेस अब भी गुटबाजी और गद्दी की लड़ाई में उलझी हुई है।
मशाल जुलूस का कार्यक्रम
इस मशाल जुलूस में कांग्रेस छत्तीसगढ़ प्रभारी सचिन पायलट मुख्य रूप से शिरकत करेंगे। वे सुभाष चौक से लेकर घंटाघर चौक स्थित स्व. बिसाहू दास महंत की प्रतिमा तक मशाल रैली का नेतृत्व करेंगे। कार्यक्रम में प्रदेश के सभी बड़े नेता शामिल होने वाले हैं।
फिर क्यों विकास सिंह को दी गई प्रमुखता ?
ऐसे बड़े आयोजन में स्थानीय स्तर पर पोस्टरों पर कांग्रेस सचिव विकास सिंह की तस्वीर प्रमुखता से लगाई गई है। जनता सवाल पूछ रही है कि जब यह राज्य स्तरीय आयोजन है तो पोस्टर देखकर ऐसा क्यों लग रहा है मानो यह व्यक्तिगत शो हो ?
विकास सिंह का विवादित इतिहास
गौरतलब है कि विकास सिंह मौजूदा समय में कांग्रेस प्रदेश सचिव हैं, लेकिन उन पर बलात्कार समेत कई संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं। पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान उन्हें जेल की हवा भी खानी पड़ी थी। उस समय तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने साफ कहा था कि “कानून से बड़ा कोई नहीं है, छत्तीसगढ़ में कानून का राज चलेगा।”
सूत्रों के अनुसार, पिछले 30 सालों में विकास सिंह पर दर्जनों आपराधिक प्रकरण दर्ज हो चुके हैं। यही वजह है कि उनकी छवि हमेशा विवादों में रही है। ऐसे व्यक्ति को बैनर पर प्रमुखता देने से कांग्रेस की साख पर और भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
कोरबा की जनता कह रही है –
“पहले पार्टी की गुटबाजी सुलझाओ, फिर जनता को गद्दी छोड़ने का पाठ पढ़ाओ।”
“भूपेश बघेल जैसे नेता को गायब कर देना कांग्रेस की अंदरूनी कलह का सबूत है।”

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