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भाजपा नेता नूतन राजवाड़े का नया कारनामा आया सामने, झूठ बोलकर सरकारी ज़मीन पर बना लिया है पेट्रोल पंप, जांच के बाद प्रशासन ने कर दी बड़ी कार्रवाई, जानिए क्या है पूरा मामला

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कोरबा : भाजपा नेता का लिबाज ओढ़ नूतन राजवाड़े कब्जाधारी निकला पहले सरकारी ज़मीन पर कब्जा मामले में राजस्व न्यायालयके आदेश पर हुई कार्रवाई के बाद अब नया मामला सामने आया है यहां कनकी में संचालित शीतला पेट्रोल पंप सरकारी ज़मीन में बनी थी इस बाबत ग्रामीणों ने शिकायत की थी जिस पर एसडीएम कोरबा द्वारा जांच कराई गई जिस पर खसरा नंबर 540/1 के रकबा 0.425 हेक्टयर में से 0.040 हेक्टेयर भूमि पेट्रोल पंप बाउंड्री के भीतर पाई गई। इस बाबत एडीएम कोरबा ने एक नोटिस भी 7 नवंबर को भेज संचालक और भाजपा नेता नूतन राजवाड़े से उसका पक्ष जाना था जिस पर नूतन ने जो जवाब पेश किया वो संतोष जनक नहीं था लिहाजा पेट्रोल पंप के लिए जारी एनओसी रद्द कर दी गई है बिना एनओसी पेट्रोल पंप का संचालन नहीं हो सकता है वहीं हिंदुस्तान पेट्रोलियम को भी इस बबत सूचना दे दी गई है।

आदेश में स्पष्ट उल्लंघन और राजवाड़े की अवैध हरकतें

प्रशासनिक आदेश के अनुसार, वर्ष 2019 में हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड के इस पेट्रोल पंप को जारी किए गए अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) में स्पष्ट रूप से उल्लेख था कि किसी भी तरह के भूमि विवाद या सरकारी जमीन पर अतिक्रमण की स्थिति में यह NOC स्वतः रद्द मानी जाएगी। लेकिन, नूतन राजवाड़े ने न केवल इस शर्त की धज्जियाँ उड़ाईं, बल्कि खुलेआम सरकारी जमीन पर बाउंड्रीवाल खड़ी कर दी। उसने साबित कर दिया कि नियम और शर्तें उसके लिए महज औपचारिकता थीं, जिन्हें वो अनदेखा कर सकता हैं।

प्रशासन के नोटिसों की लगातार अनदेखी

यह पहला मामला नहीं है जब राजवाड़े ने नियमों को ताक पर रखकर सरकारी आदेशों को नज़रअंदाज़ किया है। प्रशासन ने कई बार नोटिस जारी कर उन्हें इस अवैध कब्जे को हटाने का निर्देश दिया, लेकिन राजवाड़े ने हर बार इसे नकार दिया। उनकी इस हठधर्मिता ने प्रशासन को कड़ी कार्रवाई के लिए मजबूर कर दिया, जिससे फ्यूल बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना पड़ा। यह प्रशासन की एक सख्त चेतावनी है कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के लिए कोई रियायत नहीं होगी। इस प्रतिबंध के बाद क्षेत्रीय जनता में भाजपा नेता के प्रति भारी आक्रोश है। स्थानीय निवासियों का मानना है कि राजवाड़े ने अपनी ताकत और राजनीतिक प्रभाव का दुरुपयोग कर सरकारी संपत्ति पर कब्जा किया, जिससे जनता को नुकसान उठाना पड़ रहा है।

प्रशासन का कड़ा संदेश: सत्ता का दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं

राजवाड़े के खिलाफ की गई इस कार्रवाई ने स्पष्ट संदेश दिया है कि कानून से ऊपर कोई नहीं, चाहे वह किसी भी राजनीतिक दल का प्रभावशाली नेता क्यों न हो। सरकारी जमीन पर कब्जा कर जनता के हक को चोट पहुंचाने वालों के खिलाफ प्रशासन की यह कार्रवाई मिसाल है। यह कदम दर्शाता है कि प्रशासन ऐसे सभी मामलों में कठोर कार्रवाई करेगा, जहाँ सत्ता का दुरुपयोग कर अवैध कब्जे किए गए हैं।

 
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