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*गौरी शंकर मंदिर बालको सेक्टर 3 में पुरुषोत्तम मास के अवसर पर प्रतिदिन किए जा रहे हैं भजन कीर्तन एवं कथा वाचन का हुआ समापन*।

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सावन महीने की अधिमास जिसे पुरुषोत्तम मास के नाम से भी जाना जाता है । इस महीने में भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है । इस पूरे महीने में जो व्यक्ति पूरी श्रद्धा के साथ भगवान विष्णु की आराधना करता है उस व्यक्ति पर लक्ष्मी नारायण की कृपा बनी रहती है । पूजा के दौरान हर रोज भगवान विष्णु के कथा का पाठ किया जाता है ।

पुरुषोत्तम मास को अनेक नाम दिए गए हैं । इस मास को अधिकमास और मलमास भी कहा जाता है । इस दुर्लभ पुरुषोत्तम मास के समय भगवान विष्णु के नामों का जप करना चाहिए । साथ ही स्नान , पूजन और दान जैसे पुण्य कार्य करने चाहिए । इस महीने में आने वाली एकादशी और पूर्णिमा का भी विशेष महत्व होता है । इसलिए इनका व्रत करना चाहिए । कहा जाता है कि इस महीने में एकादशी का व्रत करने से पुरुषोत्तम मास की कथा पढ़ने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। अधिकमास को माह के अधिक होने के कारण उसे स्थान प्रदान नहीं किया गया था, जिस पर वह दुखी होकर भगवान विष्णु के शरण में गया तब भक्तवत्सल श्री विष्णु जी ने उसे अपने लोक में स्थान देने का निश्चय किया । साथ ही मलमास को वरदान दिया कि अब से मैं तुम्हारा स्वामी बनूंगा । तुम्हारे अंदर मेरे ही गुण होंगे । भगवान विष्णु ने मलमास को अपने सभी दिव्य गुणों से सुशोभित कर दिया और मलमास को अपने नाम पुरषोत्तम दिया कहा की अब से तुम पुरुषोत्तम मास के नाम से जगत में विख्यात होंगे और मेरे नाम से ही जाने जाओगे । भगवान विष्णु के वरदान के बाद से ही मलमास को पुरुषोत्तम मास के नाम से जाना जाने लगा । इसलिए इस महीने में भगवान विष्णु की उपासना करना और उनका जप करना उत्तम फलदायी रहता है । इसी परम्परा का निर्वहन करते हुए श्रीमती रोहानी पांडेय द्वारा अपने समस्त प्रियजनों एवम शारदा महिला समिति को लेकर गौरीशंकर मंदिर में लगातार भजन, पूजन, एवं कथा वाचन का कार्य निरंतर कर रही हैं बालको नगर के भक्तजन उक्त कार्यक्रम का भक्तिभाव से लीन हो परमोआनंद को प्राप्त कर रहे हैं।कार्यक्रम का समापन हवन पूजन ,सुंदरकांड व खिचड़ी भोग के साथ हुआ।

 
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