छत्तीसगढ़

फूटा चना-सूखी इमली जीएसटी से मुक्त, दो करोड़ टर्नओवर वालों को सालाना रिटर्न की छूट

Spread the love
Listen to this article

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की पहल पर फूटा चना और सूखी इमली को जीएसटी से मुक्त कर दिया गया है। यही नहीं, महुआ संग्रहण करने वाले आदिवासियों और छोटे कारोबारियों को बड़ी रियायत भी दी गई है। यह फैसला जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिया गया।
जीएसटी काउंसिल की गोवा बैठक में प्रदेश के जीएसटी मंत्री टीएस सिंहदेव ने शिरकत की थी। उन्होंने बैठक में फूटा चना पर 5 फीसदी जीएसटी लेने पर ऐतराज किया था। उन्होंने कहा कि फूटा चना राज्य के ग्रामीण अंचलों उपभोग किया जाता है। यह उनके लिए प्रोटीन का मुख्य स्त्रोत है। मुरमुरा और पोहा पहले से ही कर मुक्त है। ऐसे में फूटा चना को भी कर मुक्त होना चाहिए।
सिंहदेव के तर्को का अन्य राज्यों ने भी समर्थन किया। इसके बाद काउंसिल ने इसे कर मुक्त करने का फैसला लिया। इसी तरह सूखी इमली की पैदावार राज्य के बस्तर अंचल में बहुतायत होती है और इसका संग्रहण ग्रामीण आदिवासियों द्वारा किया जाता है। इस पर 5 फीसदी जीएसटी होने के कारण उन्हें उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है। इस पर काउंसिल ने सूखी इमली को भी कर मुक्त करने का फैसला लिया। इसका लाभ इमली संग्रहण करने वाले राज्य के ग्रामीण अंचल से आदिवासियों को मिलेगा और व्यापार में वृद्धि होगी।
प्रदेश में ग्रामीण वन क्षेत्रों में महुआ का संग्रहण किया जाता है। ताजा महुआ फूल कर मुक्त है। किन्तु सूखा महुआ फूल पर 5 फीसदी जीएसटी है। इस कारोबार में अधिकांश ऐसे व्यापारी जिनका सालाना टर्नओव्हर 40 लाख से कम है। 40 लाख सालाना टर्नओवर तक का कारोबार करने वाले व्यापारियों को पंजीयन अनिवार्य न होने पर उन पर कोई कर भार नहीं होगा।
यह भी तय किया गया है कि छोटे व्यापारियों के लिए जीएसटी प्रणाली सरल करने के लिए श्री सिंहदेव की पहल पर काउंसिल ने 2 करोड़ सालाना टर्नओवर वाले व्यापारियों को सालाना रिटर्न भरने की छूट दे दी है। इससे राज्य के करीब 85 फीसदी पंजीकृत व्यापारी, जिनकी संख्या एक लाख से अधिक है, उन्हें राहत मिलेगी। बैठक में राज्य की जीएसटी सचिव सुश्री रीना बाबा साहेब कंगाले भी थी।

 
HOTEL STAYORRA नीचे वीडियो देखें
Gram Yatra News Video

Live Cricket Info

Related Articles

Back to top button