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क्यों नहीं हो पा रहा विक्रम लैंडर से ऑर्बिटर का संपर्क, चंद्रयान-1 के निदेशक ने बताई वजह

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख के सिवन ने रविवार को घोषणा की कि चंद्रयान-2 का विक्रम लैंडर चंद्रमा की सतह पर पाया गया है, मगर अभी तक इसके साथ कोई संपर्क स्थापित नहीं किया गया है। लैंडर से कॉन्टैक्ट न होने पर चंद्रयान-1 के निदेशक एम अन्नादुराई ने प्रतिक्रिया दी है। भारत के पहले चंद्र मिशन चंद्रयान-1 के निदेशक एम अन्नादुराई का मानना है कि हो सकता है कि चंद्रमा की सतह पर मौजूद बाधाएं विक्रम लैंडर को सिग्नल प्राप्त करने से रोक रही हों।
अन्नादुराई ने बताया कि ‘हमने लैंडर का चांद की सतह पर पता लगा लिया है, अब हमें इसके साथ संपर्क स्थापित करना होगा। जिस जगह पर लैंडर उतरा है, वह सॉफ्ट लैंडिंग के लिए अनुकूल नहीं है। वहां कुछ बाधाएं हो सकती हैं, जो कि हमें उससे संपर्क स्थापित करने में रोक सकती है।
आगे उन्होंने कहा कि पहले चंद्रयान के ऑर्बिटर ने संपर्क साधने के लिए लैंडर की तरफ सिग्लन भेजे, लेकिन मौजूदा हाल में यह देखना होगा कि वह सिग्नल पकड़ पाता है या नहीं। ऑर्बिटर और लैंडर के बीच हमेशा दो-तरफा संचार होता है, मगर हम एक तरफा संवाद करने का प्रयास कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि संचार 5 से 10 मिनट से अधिक के लिए नहीं होगा।
बता दें कि चंद्रयान -2 को 22 जुलाई को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था। बता दें कि इसरो प्रमुख सीवन ने कहा कि चंद्रमा का चक्कर लगा रहे ऑर्बिटर ने विक्रम की थर्मल तस्वीरें ली हैं।

 
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