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क्यों लोग सेठ जी से पूछ रहे हैं सवाल ! राखड़ की ठेकेदारी कर अब कर दिया ये काम…

पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल को अब आई बेरोजगारों की सुध, विधायकी छिनते ही 1320 मेगावाट क्रिटिकल विद्युत परियोजना में स्थानीय युवाओं के लिए नौकरी की वकालत

कोरबा। सियासी गलियारों में जितनी चौखट उतने रंग की कहावत को सुनी होगी आपने। पर नगरसेठ कहे जाने वाले इन सफेदपोश साहब के कितने रंग हैं, शायद वे भी खुद नहीं जानते होंगे। अब यही देखिए, लोग कहते है कि जब तक उनकी कांग्रेस सरकार काबिज रही, बस तिजोरियां भरने का कारोबार चलाते रहे। पूरे पांच साल बेरोजगार युवा रोजगार मांगते रहे और इनके मंत्री-अधिकारी नौकरी घोटाले में व्यस्त रहे। राखड़ से पूरे शहर को पाट डाला खुद के बेटों के नाम बड़ी ठेकेदारी की जब मन नहीं भरा तो भांजे के नाक ठेका पलटी करा दिया। अब उनकी सरकार और इनकी विधायकी जाती रही, तो जरूरतमंद युवाओं की सुध लेने का ढिंढोरा पीटने लगे हैं।

यहां बात हो रही है पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल की, जिन्होंने बीते दिनों हुई 1320 मेगावाट क्रिटिकल विद्युत परियोजना की जनसुनवाई को लेकर स्थानीय युवाओं के लिए नौकरी की वकालत की है। पर सवाल यह है कि जब श्री अग्रवाल खुद सरकार में थे, तब उन्होंने आखिर बेरोजगारी दूर करने के लिए क्या किया। क्या उनके पास कोई हिसाब है कि स्थानीय युवाओं के लिए काम की जुगत जुटाने उन्होंने कौन से प्रयास किए। पूरे पांच साल गुजारने के बाद भी बेरोजगार ठगे से रह गए और इसी कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार में नौकरी के लिए उन्हें नग्न प्रदर्शन के लिए मजबूर होना पड़ा। अब, जबकि उनकी सरकार चली गई है, वे बेरोजगारों के हिमायती बनकर रोजगार दिए जाने की मांग कर रहे हैं, जैसे युवाओं का इनसे बड़ा हमदर्द कोई है ही नहीं।

संयंत्र को लेकर पूर्व केबिनेट मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि उनके अथक प्रयास से तात्कालीन कांग्रेस शासन काल में उक्त पावर प्लांट को स्वीकृति मिली थी। जन सुनवाई के बहाने नगरसेठ ने स्थानीय लोगों को रोजगार में प्राथमिकता की भी ढोल बजा लिया। पर क्या वे ऐसा ही पर्चा जारी कर यह भी बताने का कष्ट करेंगे कि उनके सरकार में रहते कितने स्थानीय युवाओं के लिए नौकरी का इंतजाम उन्होंने किया। किसी ने सच ही कहा है…कि आखिर कुछ भी हो जाए, गुलाटी मारने की आदत भला कैसे जाए, तो बस, एक बार फिर उस कहावत पर खरे उतरते हुए गुजर चुकी सरकार के रिटायर कद्दावर नेता अब बेरोजगारी का आलाप लगाने लगे हैं, जो युवाओं के गले उतरता नहीं दिख रहा है।

इधर सरकार के मंत्री लखनलाल देवांगन कहते कि सभी स्थानीय लोगो को प्राथमिकता के आधार पर रोजगार दिया जायेगा।

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