डॉ. मनमोहन सिंह जी को भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित किया जाये: कुरैशी

भिलाई (ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ )। छत्तीसगढ राज्य के पूर्व मंत्री बदरूदीन कुरैशी ने ट्विीटर के माध्यम से भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के अकास्मिक निधन पर शोक व्यक्त करते हुए ईश्वर से प्रार्थना किया है कि मृत आत्मा को ईश्वर शांति प्रदान करें और देशवासियों को इस गहन दु:ख पर शक्ति प्रदान करें।
डॉ मनमोहन सिंह का जन्म व शिक्षा 26 सितम्बर 1932 को ब्रिटिश भारत के पंजाब प्रांत के गाह नामक गांव (अब पाकिस्तान) में हुआ था। डॉ. मनमोहन सिंह ने 1991 से 1996 तक नरसिम्हा राव के प्रधानमंत्रित्व काल में वित्तमंत्री की हेसियत से भारत की अर्थव्यवस्था को सुधारने में जो अहम रोल अदा किया उसे केवल हिन्दुस्तान ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया आज भी याद करती है राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अधिनियम लागू किया।
इसके अतिरिक्त भारत-अमेरिका सैन्य परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर के लिए पूरी दुनिया जानती है सूचना के अधिकार अधिनियम आरटीआई इनके कार्यकाल में आया। डॉ. मनमोहन सिंह जी 1957 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के टापर रहे अर्थशास्त्र के प्रोफेसर, 1972 से 1976 तक प्रमुख आर्थिक निर्णयों में मुख्य आर्थिक सलाहकार,1982 से 1985 तक भारतीय रिर्जव बैंक के गवर्नर रहे।
दूसरे कार्यकाल 2004 से 2014 तक उन्होंने बुनीयादी ढांचे के विकास और सामाजिक कल्याण योजना पर ध्यान केंद्रित किया इस दौरान उन्हे 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला और राष्ट्रमंडल खेल घोटाले जैसे विवादों का भी सामना करना पडा। सन् 1987 में पदम विभूषण भारत सरकार की ओर से उन्हें भारत का दूसरा सर्वोंच्च नागरिक सम्मान दिया गया। आज भी देश की जनता उनके 10 वर्ष के ऐतिहासिक कार्यकाल को देखकर भारत रत्न की उपाधि दिये जाने की मांग कर रही है।