छत्तीसगढ़

नक्सलगढ़ में ‘ऑपरेशन मानसून’, 2 लाख का इनामी ढेर:फोर्स ने माओवादियों की मांद में घुसकर मारा, भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद

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छत्तीसगढ़ में मानसून ने दस्तक दे दी है और बस्तर में पुलिस ने नक्सलियों के खिलाफ ‘ऑपरेशन मानसून’ की भी शुरुआत कर दी है। सुकमा में भारी बारिश के बीच नक्सलियों के कोर इलाके में घुसकर जवानों ने 2 लाख रुपए के इनामी नक्सली सोढ़ी दुला को ढेर कर दिया है। इस अभियान के तहत इस साल की यह पहली कामयाबी है। जवानों ने भारी मात्रा में विस्फोटक भी बरामद किया है।

ऑपरेशन मानसून पुलिस के लिए सबसे कारगर साबित होता है। पिछले 3 सालों के आंकड़े देखे तो पुलिस ने ऑपरेशन मानसून के शुरुआती दिनों में अलग-अलग जिलों में करीब 30 से ज्यादा नक्सलियों को मार गिराया था। जिनपर लाखों रुपए का इनाम भी घोषित था। अब इस साल फोर्स मानसून किट के साथ जंगलों में घुस चुकी है। नक्सलियों के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन चल रहा है।

ऐसे किया एनकाउंटर
सुकमा पुलिस को जानकारी मिली थी कि, एर्राबोर और भेज्जी थाना क्षेत्र के रगड़गट्टा, मरईगुड़ा क्षेत्र में कोंटा एरिया कमेटी के माओवादी मौजूद हैं। इसी सूचना के आधार पर जवानों की टीम मौके के लिए निकली थी। नक्सलियों के ठिकाने पर DRG और CRPF के जवानों ने धावा बोला। दोनों तरफ से जमकर गोलीबारी हुई। जवानों ने 2 लाख रुपए के नक्सली को मार गिराया।

हथियार समेत विस्फोटक भी मौके से बरामद किया गया है।
हथियार समेत विस्फोटक भी मौके से बरामद किया गया है।

फोर्स ने दावा किया है कि इस मुठभेड़ में करीब 2 से 3 नक्सली घायल भी हुए हैं। मुठभेड़ के बाद जब इलाके की सर्चिंग की गई तो जवानों ने मौके से शव समेत एक हथियार, IED, नक्सल साहित्य समेत, विस्फोटक और अन्य कई सामान बरामद किए। मृत नक्सली जब संगठन में था तो उस समय इसने फोर्स को काफी परेशान किया था। बताया जा रहा है कि, फोर्स अब भी जंगल में ही है। अलग-अलग थाना क्षेत्र से फोर्स को नक्सलगढ़ में घुसाया गया है।

क्या है पुलिस का ऑपरेशन मानसून?
ठंड और गर्मी के मौसम में नक्सली लगातार अपना ठिकाना बदलते रहते हैं। लेकिन बारिश के मौसम में नक्सली ज्यादातर एक ही जगह कैंप लगा कर अपना डेरा जमाए हुए रहते हैं। ऐसे में पुलिस को भी नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन को सफल बनाने में आसानी होती है। लेकिन, नक्सलियों के ठिकाने तक पहुंचने के लिए जवानों को भी काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है। उफनते नदी-नालों, फिसलन भरी चट्टानों को पार कर फोर्स बस्तर के बीहड़ो में घुसती है। ऑपरेशन को सफल बनाती है। पिछले कुछ सालों में मानसून में ही पुलिस को ज्यादा कामयाबी मिली है।

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