छत्तीसगढ़

कवर्धा हादसे में आहत परिवारों के लिए गोंगपा ने सरकार से की एक-एक करोड़ मुआवजा, सरकारी नौकरी और दोषी अफसरों पर कार्यवाही की मांग

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कोरबा। कवर्धा स्थित सेमरहा गांव के रहने वाले आदिवासी समाज के 20 लोगों की दर्दनाक मौत को लेकर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी एक्शन मूड में है। पिछले दिनों गोंगपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं महासचिव इस गांव में पहुंचे थे। उन्होंने प्रत्येक मृतक के परिवार को 5-5 हजार की आर्थिक सहायता प्रदान की। इसके साथ ही सरकार से मांग की गई है कि छत्तीसगढ़ सरकार दुर्घटना से आहत प्रत्येक आदिवासी परिवार को कम से कम एक-एक करोड़ की मुआवजा राशि प्रदान करे। उनके बच्चों को अच्छी एवं उच्च शिक्षा निशुल्क मिले और उनके परिजनों में किसी 1 को शासकीय नौकरी प्रदान करे। इसके साथ ही उन्होंने इस भीषण जानलेवा हादसे के लिए दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग भी छत्तीसगढ़ सरकार से की है। तभी उन्हें न्याय और उनका वाजिब हक मिल सकेगा।

इसी माह 20 मई को प्रदेश के कवर्धा जिले में हुए भीषण सड़क हादसे ने पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया। हृदय को चाक कर देने वाली इस घटना में 19 महिलाओं और 1 पुरुष सहित 20 लोगों की मृत्यु होना बहुत ही दर्दनाक हादसा है। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पाली-तानाखार विधायक तुलेश्वर सिंह मरकाम व राष्ट्रीय महासचिव श्याम सिंह मरकाम के साथ गोंगपा के कार्यकता सेमरहा गांव पहुंचे थे। उन्होंने मृतकों के घर घर जाकर सभी से मिलकर उनका हाल चाल जाना उनके इस इस असहनीय पीड़ा को सहन करने शक्ति परिवार को संबल सांत्वना एवं मृत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से कामना की। इस घटना पर उन्होंने गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए दुख प्रकट किया है। इस दौरान श्री मरकाम ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार हमारे आदिवासी भाईयों को न्याय दिलाए। उन्होंने प्रत्येक प्रभावित परिवार को कम से कम 50-50 लाख की राशि और उनके बच्चों को अच्छी उच्च एवं निशुल्क शिक्षा प्रदान करने के साथ उनके परिजनों में से 1 सदस्य के लिए सरकारी नौकरी प्रदान करने की मांग की है।
भूपेश सरकार ने तो यूपी की घटना के लिए 50-50 लाख दिए थे, छत्तीसगढ़िया से खेल : मरकाम
गोंगपा राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं महासचिव ने कवर्धा घटना में प्रत्येक मृतक परिवार को आर्थिक मदद स्वरूप 5-5 हजार समेत सभी को तत्कालित तौर पर कुल 55 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान कर उनका हाल चाल जाना। उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार पर हमला करते हुए कहा कि जब उत्तरप्रदेश के लखीमपुर खीरी में 4 किसान और एक पत्रकार की मृत्यु हुई थी, तब की छत्तीसगढ़ की पूर्ववर्ती भूपेश सरकार ने सभी मृतकों के परिवार को 50-50 लाख मुआवजा राशि दिया था। अब, जबकि हमारे अपने छत्तीसगढ़ के मूलनिवासी आदिवासी माताओं-बहनों पर मुसीबात आन पड़ी है, इस हृदय विदारक घटना पर छत्तीसगढ़ के आदिवासी मुख्यमंत्री का 5-5 लाख की राशि की घोषणा करना, उनके सम्मान के साथ खिलवाड़ करने के समान है।

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