छत्तीसगढ़

कहीं भाभाजी के लिए पनौती न बन जाएं देवरजी, कोरबा की जनता का भरोसा हार कर पार्टी के खर्चे पर पड़ोसी जिले का दिल जीतने चले पूर्व मंत्री जयसिंह

कोरबा। लंबे समय बाद पूर्व कैबिनेट मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने विधानसभा चुनाव 2023 में मिली करारी हार के सदमें से बाहर निकलने की कोशिश भले ही शुरु कर दी हो, पर उनका यह तरीका कांग्रेस के लिए कितना फायदेमंद होगा, कहा नहीं जा सकता। दरअसल जयसिंह अग्रवाल इन दिनों कोरबा लोकसभा प्रत्याशी श्रीमती ज्योत्सना चरणदास महंत के लिए कोरबा जिले की सीमा से बाहर मनेंद्रगढ़-चिरमिरी क्षेत्र जाकर प्रचार-प्रसार में मन लगा रहे हैं।

पर बातों ही बातों में पार्टी के लोग अब ये भी कहने लगे हैं कि खुद का तो घर बचा न सके, फिर वहां क्या बनाएंगे। बीते विधानसभा चुनाव में कोरबा शहर की जनता का दिल और भरोसा हार चुके पूर्व मंत्री जयसिंह अब पड़ोसी जिले में जाकर आखिर कौन सा कमाल दिखाएंगे, यह तो वक्त ही बताएगा। पर एक बात खुद कांग्रेस के वफादारों को भी सता रही है कि कहीं कोरबा लोकसभा प्रत्याशी श्रीमती ज्योत्सना महंत के लिए ही हारे हुए नगर सेठ पनौती न बन जाएं।

कोरबा विधानसभा में करारी हार के बाद किसी तरह अपने अस्तित्व को बचाए रखने की कोशिश में जुटे चुके कोरबा विधानसभा के पूर्व विधायक और छत्तीसगढ़ के पूर्व राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल लोकसभा चुनाव में मैडम महंत की जीत के लिए महेन्द्रगढ़ में चुनाव प्रचार करते हुए दिखाई दिए। बीते दिनों उन्होंने मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिला अंतर्गत नगर पालिक निगम चिरमिरी के गोदरा पारा, हल्दीबाड़ी, पोड़ी, मालवीय नगर, जगन्नाथ मंदिर पोड़ी, कोरिया कलारी, डोमनहिल कालरी में जनप्रतिनिधियो, कार्यकर्ताओं एवं क्षेत्र के नागरिकों के साथ बैठक ली। कांग्रेस की लोकसभा प्रत्याशी के लिए चुनाव प्रचार करने निकले श्री अग्रवाल के बैग्राउंड से तो सभी भली-भांति वाकिफ हैं। खुद कांग्रेस पार्टी के ही लोगों का कहना है कि जो अपने विधानसभा क्षेत्र में जनता के विश्वास पर खरे नहीं उतरे, ऐसे नेता का अब पलायन अन्य विधानसभा क्षेत्र में देखा जा सकता है।

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पूरा छग जानता है इनके भ्रष्टाचार की गाथा, संभलकर सांसद मैडम, कहीं उल्टी न पड़ जाए सेठजी की सियासत
वैसे तो पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल की नाकामियों और बेहिसाब भ्रष्टाचार की गाथा पूरे छत्तीसगढ़ में चर्चित है। श्री अग्रवाल के कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करने से निस्संदेह भाजपा के लिए भारी लाभदायक होगा, क्योंकि जनता सब जानती है। अभी तक चुनावी दंगल से बहार दिखाई देते रहे सेठजी के अचानक मनेंद्रगढ़ विधानसभा में सक्रिय भूमिका में नजर आने का व्यापक असर और कुछ अलग ही सियासी अर्थ निकाला जा रहा है। दल-बल की सियासत के इतर जनहित की सोच रखने वाले इस बात से संतुष्ट हो रहे हैं कि चलो, कम से कम इस बहाने जनता को कांग्रेसियों पर लगे सभी आरोप सत्य साबित हुए। ऐसे नेताओं का समर्थन भी उसे ही प्राप्त होता है, जो उनके विचार धारा के होते हैं। इनके मैदान में आते ही मैडम महंत की पनोती शुरू हो गई।

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