July 1, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
कोरबा चेम्बर चुनाव: व्यापारी बोले — अब पुरानी टीम नहीं, बदलाव चाहिए ! गजानंद अग्रवाल की टीम के पक्ष में जबरदस्त लहरबीपालएम रेजिम से मरीजों को मिलेगा तेज और प्रभावी इलाजइरकभट्टी के 55 परिवारों को हर घर नल कनेक्शन से मिल रहा शुद्ध पेयजलबस स्टैंड का निरीक्षण कर यात्रियों से मिले कलेक्टर रणबीर शर्मा2047 तक भारत को विकसित बनाने के उद्देश्य से सभी मिलकर कार्य करेंः सतीश चंद्र दुबेनई दिल्ली में सहकारिता की राष्ट्रीय कार्यशाला में सहकारिता मंत्री केदार कश्यप हुए शामिलबदरीनाथ हाईवे पर गिरा मलबा, बाल-बाल बचे यात्री…नगर मंत्री निहाल बने अभाविप के जिला सयोजकमुड़ापार, नवधा चौक क्षेत्र में नशेड़ियों पर पुलिस का शिकंजा, जन चौपाल में दी समझाइशमुख्यमंत्री ने किया मंत्रालय के नवीन सभागार का लोकार्पण
छत्तीसगढ़

रेत की खुलेआम चोरी, माइनिंग विभाग मौन: खनिज संपदा की लूट को मिली खुली छूट

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

 

 

जिला गरियाबंद के पंडुका थाना क्षेत्र के तर्रा घाट में रेत खनन के नाम पर खनिज संपदा की खुलेआम लूट चल रही है। स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, यह पूरा खनन अवैध है और इसमें प्रभावशाली लोगों का हाथ बताया जा रहा है। आरोप है कि तर्रा घाट में अवैध रूप से चल रहे खनन कार्य का संचालन मनोज साहू द्वारा किया जा रहा है, जो जिला पंचायत सदस्य चंद्रशेखर साहू का भाई और विधायक रोहित साहू का करीबी है।

माइनिंग विभाग की चुप्पी पर सवाल

 

तर्रा घाट पूरी तरह अवैध है, लेकिन इसके बावजूद माइनिंग विभाग और संबंधित प्रशासन इस पर कोई ठोस कार्रवाई करने से बच रहा है। खनन अधिकारी नागेश की निष्क्रियता ने स्थानीय लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि राजनीतिक दबाव के चलते प्रशासनिक अधिकारी भी चुप्पी साधे हुए हैं।

 

प्राकृतिक संसाधनों की हो रही बर्बादी

 

अवैध रेत खनन से इलाके की प्राकृतिक संपदा और पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंच रहा है। नदी का जलस्तर घट रहा है, जिससे आस-पास के इलाकों में जल संकट की संभावना बढ़ गई है। साथ ही, इस तरह के अवैध कार्य से सरकारी राजस्व को भी भारी नुकसान हो रहा है।

 

ग्रामीणों की आपबीती

 

तर्रा गांव के निवासियों ने बताया कि इस घाट पर रात-दिन ट्रैक्टरों और डंपरों की आवाजाही लगी रहती है। रेत माफिया इतने बेखौफ हो चुके हैं कि किसी भी विरोध को दबाने के लिए डराने-धमकाने से भी पीछे नहीं हटते।

 

प्रभावशाली लोगों की भूमिका पर संदेह

 

मनोज साहू का इस अवैध खनन में नाम आने के बाद मामला और गंभीर हो गया है। चंद्रशेखर साहू और विधायक रोहित साहू जैसे प्रभावशाली नामों से जुड़े होने के कारण ग्रामीणों को लगता है कि प्रशासन जानबूझकर इस मामले को अनदेखा कर रहा है।

 

सरकार और प्रशासन से सवाल

 

क्या खनिज संपदा की लूट पर रोक लगाने के लिए कोई ठोस कदम उठाए जाएंगे?

 

क्या माइनिंग विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों की इस चुप्पी पर जांच होगी?

 

क्या इस अवैध खनन में शामिल प्रभावशाली लोगों पर कार्रवाई होगी?

 

 

ग्रामीणों ने राज्य सरकार और जिला प्रशासन से अपील की है कि अवैध खनन को तुरंत रोका जाए और इसमें शामिल सभी लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।

 

“अगर प्रशासन ने जल्दी कार्रवाई नहीं की, तो हमें आंदोलन का सहारा लेना पड़ेगा।” – एक स्थानीय निवासी।

 

यह मामला केवल एक गांव या क्षेत्र तक सीमित नहीं है। अगर प्रशासन और सरकार इस तरह की गतिविधियों को अनदेखा करते रहे, तो यह पूरे राज्य में प्राकृतिक संसाधनों की लूट का एक बड़ा उदाहरण बन जाएगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close