छत्तीसगढ़

जिला चिकित्सालय में एनडीआरएफ की मॉक ड्रिल

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आपदाओं के समय सही निर्णय लेना और प्राथमिकता के आधार पर कार्य करना जीवन बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है : कलेक्टर

बेमेतरा (ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ )। जिला चिकित्सालय के भवन में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की एक व्यापक मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस अभ्यास का उद्देश्य चिकित्सालय के मरीजों, चिकित्सकों और स्टाफ को विभिन्न आपदाओं जैसे भूकंप, बाढ़, आगजनी और अन्य प्राकृतिक या मानव-निर्मित आपदाओं के दौरान सुरक्षित रखने की रणनीतियों को विकसित करना था।

कलेक्टर रणबीर शर्मा ने कहा कि मॉक ड्रिल, आपदा प्रबंधन के महत्व और त्वरित आपदाओं के समय सही निर्णय लेना और प्राथमिकता के आधार पर कार्य करना जीवन बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस ड्रिल में अस्पताल भवन में फंसे लोगों को निकालने, घायलों को प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध कराने, और आग जैसी आपदाओं के दौरान बचाव कार्यों की रणनीतियों को प्रभावी ढंग से प्रदर्शित किया गया।

भूकंप जैसी आपदा की स्थिति में भवन के अंदर फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए बचाव टीम ने आधुनिक उपकरणों का उपयोग करते हुए रेस्क्यू ऑपरेशन का प्रदर्शन किया। वहीं, आग लगने की स्थिति में अग्निशमन दल के साथ समन्वय स्थापित करते हुए आपातकालीन निकासी प्रक्रिया को भी समझाया गया। बाढ़ जैसी परिस्थिति में बचाव नौकाओं और लाइफ जैकेट्स का उपयोग करके प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने की प्रक्रिया को भी दर्शाया गया।

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल एनडीआरएफ की टीम ने आज एक डेमोंसट्रेशन के माध्यम से आग और भूकंप के बचाव या किसी भी आपातकालीन स्थिति से कैसे निपटा जाए इसको लेकर एनडीआरएफ और फायर फाइटर की टीम ने मॉक ड्रिल कर रेस्क्यू का जिला अस्पताल परिसर में प्रदर्शन किया | मॉक ड्रिल में आग लगने की स्थिति का एक काल्पनिक दृश्य तैयार किया गया, जिसके तहत इमारत में फंसे नागरिकों को सुरक्षित निकालने के तरीके प्रदर्शित किए गए | जवानों ने विशेष उपकरणों और तकनीकों का उपयोग करके धुएं और आग से घिरी इमारतों से लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने का अभ्यास किया। इसके साथ ही, आपातकालीन चिकित्सा सहायता भी प्रदान की गई, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि घायलों को तुरंत चिकित्सा सेवाएं मिल सकें।

इस अभ्यास ने नागरिकों के बचाव, इमारतों की तलाशी, और आग पर नियंत्रण पाने की रणनीतियों पर जोर दिया। स्थानीय अग्निशमन विभाग, पुलिस और एम्बुलेंस सेवाओं ने भी इसमें भाग लिया, जिससे सभी एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय और सहयोग की क्षमता का परीक्षण हो सका | इस अवसर पर मॉक ड्रिल के दौरान आपदा प्रबंधन को लेकर एनडीआरएफ की टीम ने माक ड्रिल कर स्कूली बच्चों को प्राकृतिक आपदा के समय बचाव करने का तरीका बताया।

इस अवसर पर डिप्टी कमांडेड श्री कन्हैया योगी एनडीआरफ बटालियन ने कहा कि ऐसी मॉक ड्रिल्स लोगों को न केवल जागरूक बनाती हैं, बल्कि आपदाओं के समय त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया देने के लिए मानसिक रूप से तैयार भी करती हैं। जिला प्रशासन ने मॉक ड्रिल को सफल बनाने के लिए एनडीआरएफ टीम और चिकित्सालय स्टाफ का आभार व्यक्त किया।यह मॉक ड्रिल भविष्य में आपदाओं से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखी जा रही है। जिला चिकित्सालय के इमरजेंसी वार्ड का भी निरीक्षण किया। पुलिस अधीक्षक रामकृष्ण साहू, रमयोपन रूंगसंग तीसरी वाहिनी आरसीसी भिलाई, सब इंस्पेक्टर टीम कमांडर और संदीप सिंह सब इंस्पेक्टर सेफ्टी ऑफिसर सहित अपर कलेक्टर भारद्वाज एसडीएम, एनडीआरएफ और सिविल डिफेंस के कैडेट व नगर सेना की टीम सहित जिला अधिकारी उपस्थित थे।

 

 
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