छत्तीसगढ़

नेशनल लाइब्रेरियन्स डे पर साहित्यिक क्विज प्रतियोगिता आयोजित

नारायणपुर। शासकीय स्वामी आत्मानन्द स्नातकोत्तर महाविद्यालय के ग्रंथालय विभाग द्वारा नेशनल लाइब्रेरियन्स डे पर साहित्यिक प्रश्नावली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में रामायण, महाभारत, माई एक्सपेरिमेंट विथ ट्रुथ, डिस्कवरी ऑफ इंडिया, मर्चेंट ऑफ वेनिश, विंग्स ऑफ फायर जैसे प्रसिद्ध पुस्तकों एवं उनके लेखकों से संबंधित प्रश्न पूछे गए। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एस.आर. कुंजाम ने छात्र छात्राओं को बताया कि ग्रंथालय ज्ञान प्राप्ति के महत्वपूर्ण केंद्र है तथा वे ज्ञान के भंडार के नाम से भी जाने जाते है। उन्होंने छात्र छात्राओं से कहा कि अपने अध्ययन हेतु ग्रंथालय का अधिक से अधिक उपयोग करें। महाविद्यालय के लाइब्रेरियन संजय कुमार पटेल ने बताया कि भारत प्राचीन काल से ही ज्ञान का केंद्र रहा है जहाँ नालंदा एवं तक्षशिला जैसे समृद्ध पुस्तकालय विद्यमान रहे है। पुस्तकालय ज्ञान को संरक्षित करते एवं इसे भावी पीढ़ी तक पहुचाने का महत्वपूर्ण कार्य करते है। पुस्तकालय सामाजिक विकास, मानसिक विकास, बौद्धिक क्षमता को बढ़ाने और संस्कृति के विकास में सहायक होने के साथ साथ नैतिक शिक्षा को बढ़ाते है और समस्याओं को हल करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। महाविद्यालय के लाइब्रेरियन ने डॉ. एस. आर. रंगनाथन के 132वें जन्मदिवस के अवसर पर उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि 12 अगस्त  को प्रतिवर्ष भारत मे लाइब्रेरियन डे के रूप में मनाया जाता है। डॉ. एस.आर. रंगनाथन गणित विषय के सहायक प्राध्यापक थे और बाद में उन्हें मद्रास विश्विद्यालय का प्रथम पुस्तकालयाध्यक्ष बनाया गया। उन्होंने इस क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण पुस्तकें तथा रिसर्च पेपर भी लिखे। फाइव लॉज़ ऑफ लाइब्रेरी साइंस इनकी मत्वपूर्ण पुस्तक है। भारत सरकार ने उन्हें 1957 में पद्मश्री से सम्मानित किया एवं 1965 में उन्हें राष्ट्रीय शोध प्रोफेसर बनाया गया,उस समय देश मे केवल 4 अन्य ऐसे प्रोफेसर थे जिन्हें ये सम्मान प्रदान किया गया था। महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक बी.डी. चांडक ने छात्र छात्राओं को ऐसे प्रतियोगिता में भाग लेने और अपने ज्ञान में वृद्धि करने के लिए प्रोत्साहन किया।

आयोजित प्रश्नावली प्रतियोगिता में प्रथम स्थान एम.ए. हिंदी तृतीय सेमेस्टर दीपिका यादव, द्वितीय स्थान एम. ए. हिंदी प्रथम सेमेस्टर शशिकला नायक एवं शांति कोर्राम तथा तृतीय स्थान संयुक्त रूप से बी.एस.सी. द्वितीय वर्ष अजोन्ति पोटाई, विकास मांझी, एम.ए. भूगोल प्रथम सेमेस्टर जागेश कुमार मरकाम ने प्राप्त किया। इन छात्र छात्राओं को महाविद्यालय के प्राचार्य, लाइब्रेरियन तथा सहायक प्राध्यापकों द्वारा प्रमाण पत्र एवं अन्य पुरस्कार प्रदान किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक बी. डी. चांडक, अतिथि व्याख्यता डॉ. मीनाक्षी ठाकुर,डॉ. विजेत्री विक्रम सिंह, डॉ. वंदना नेताम, प्रदीप सलाम, डॉ. दिनेश कठौतिया एवं महाविद्यालय के अन्य सभी सहायक प्राध्यापक, अतिथि व्याख्याता, बुक लिफ्टर मेष राम ठाकुर एवं अन्य समस्त कर्मचारी उपस्थित थे।

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