June 27, 2025 |

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कोरबा, बालको जो न कर ले कम है वैसे तो बालको के कारस्तानियों की फेहरिस्त लंबी है लेकिन को तथ्य हम आपको बताने जा रहे है उससे आज तक आप अनजान होंगे। बालको के अधिकारी अवतार सिंह किस कदर अपने को हीरो बनाने के फेर में अपनी ही कंपनी की फजीहत करा बैठे इसकी दास्तान आज आपको बताएंगे।
जैसा कि आप पिछले ख़बर में पढ़ चुके है कि बालको के कूलिंग टॉवर और 1200 मेगावाट परियोजना से अशांत शांति नगर के लोगो को बालको प्रबंधन ने नौकरी, पुनर्वास और उनकी जमीनें तयशुदा दर से खरीदने का वादा किया गया था। इस वादे के मुताबिक ज़मीन बालको को खरीदनी थी लेकिन बालको की जालसाजी यहीं से शुरू होती है। शांति नगर के रहवासी श्री बंशीलाल स्वर्णकार (65) की खसरा नंबर 322/9 व 322/11 रकबा 0.009 हेक्टेयर/0.002 1/4 को जीवन कुमार मुखर्जी के नाम से खरीदी की गई। जीवन कुमार बालको में कौन है ये कोई नहीं जानता है बाद में अवतार सिंह ने बालको के महाप्रबंधक की हैसियत से कोर्ट में ये केस फ़ाइल कर दिया कि बंशीलाल भूमि खाली नहीं कर रहा है। मज़े की बात ये है कि केस लगाने के बाद अवतार सिंह कभी कोर्ट में उपस्थित ही नहीं हुए। अवतार सिंह को तो केवल ये दिखावा करना था कि वो बालको याने तथाकथित वेदांता का शुभचिंतक है। कोर्ट ने पूछा कि उच्च न्यायालय के आदेश मुताबिक त्रिपक्षीय समझौते का पालन किया गया जिसमें जमीन के बदले पुनर्वास कहा गया था इस सवाल पर कोई जवाब बालको नहीं दे सका। कोर्ट ने ये भी पूछा कि जीवन कुमार के नाम जमीन क्यों खरीदी गई बालको से इसके संबंध में कोई प्रमाण दिया जाए तो केवल एक पॉवर ऑफ अटॉर्नी अवतार सिंह के नाम पेश की गई। सिर्फ अटॉर्नी के बेस पर अवतार सिंह जमीन का मालिकाना हक चाहता था लेकिन बदले में वो नहीं देना चाहता था जिस समझौते पर उसके पूर्व अधिकारियों ने हस्ताक्षर किया है। लिहाजा कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद केस खारिज कर दिया। पढ़िए पूरे आदेश को कोर्ट ने क्या कहा …

तो इस तरह अवतार सिंह केवल बालको हितैषी बन शांति नगर के लोगो अशांत कर रहा है। शांति नगर कर लोग केवल एक ही मांग त्रिपक्षीय समझौते के पालन की मांग का रहे है लेकिन अवतार सिंह जैसे लोग उसको पूरा कराने में मदद की बजाए मुद्दे को उझाये रखना चाहते है। इस मामले को लेकर प्रशासन ने भी एक जांच कराई है उसकी जानकारी कल दी जाएगी कि कैसे जांच में झूठ का सहारा लेकर लोगो को परेशान किया जाता है लेकिन सच आखिर सच होता है को जांच में भी पुष्ट हुआ।

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