June 30, 2025 |

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महिला आयोग की सख्ती : घर उजाड़ने वाली महिलाओं को भेजा नारी निकेतन…

Gram Yatra Chhattisgarh
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रायपुर (वीएनएस)। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक और सदस्यगण श्रीमती नीता विश्वकर्मा एवं श्रीमती बालो बघेल ने रायपुर में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की। यह 254 वीं सुनवाई थी, जिसमें रायपुर जिले की 126 वीं जनसुनवाई शामिल थी।

डॉ. किरणमयी नायक ने कहा कि महिलाएं शादी-शुदा पुरुषों के साथ रहने से पहले हजार बार सोचें और उसकी पहली पत्नी को घर से निकलवाकर दूसरी पत्नी बनने का प्रयास न करें। बसा-बसाया घर उजाड़ने की प्रवृत्ति को महिला आयोग सख्ती से रोकने के लिए प्रतिबद्ध है।

एक साल से लापता पति:
एक प्रकरण में, आवेदिका ने बताया कि उसका पति एक साल से एक अन्य महिला के साथ भाग गया था। पहली पत्नी के जीवित रहते बिना तलाक के दूसरी शादी करना अवैध है। आयोग ने आवेदिका को धारा 494 IPC के तहत रिपोर्ट दर्ज कराने की सलाह दी और दूसरी महिला को सुधार के लिए दो माह के लिए नारी निकेतन रायपुर भेजा गया।

दूसरी महिला से उत्पीड़न:
एक अन्य मामले में, आवेदिका ने अपने पति के दूसरी महिला के साथ अवैध संबंध की शिकायत की, जिससे पति ने मारपीट की। दूसरी महिला का पति भी परेशान था और चाहता था कि उसकी पत्नी सुधर जाए। इस मामले में भी दूसरी महिला को नारी निकेतन भेजा गया।

परिवार सुधार प्रयास:
एक प्रकरण में, आवेदिका और उसके पति के दो बच्चे हैं, जबकि दूसरी महिला और उसके पति के भी दो बच्चे हैं। आवेदिका और उसके पति ने अपने रिश्ते को सुधारने की इच्छा व्यक्त की। आयोग ने पति को आदेशित किया कि वह आवेदिका को 15000/- रू. प्रति माह देगा और अगले 6 माह तक आयोग में आकर पैसे देगा। दूसरी महिला को नारी निकेतन भेजा गया।

तीन साल का बच्चा वापस:
एक अन्य मामले में, आवेदिका ने बताया कि उसका पति बिना तलाक लिए दूसरा विवाह कर चुका है और तीन वर्ष का बच्चा उसके साथ ले गया था। आयोग ने आवेदिका को उसका बच्चा वापस दिलाया और दोनों पक्षों को कानूनी रूप से तलाक लेने की सलाह दी। आपसी समझौते के बाद प्रकरण समाप्त करने की सहमति बनी।

छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने महिलाओं को यह संदेश दिया कि वे ऐसी परिस्थितियों में कानून की सहायता लें और अपने अधिकारों की रक्षा के लिए आगे आएं। आयोग महिलाओं के सशक्तिकरण और उनके अधिकारों की सुरक्षा के लिए सदैव तत्पर है।

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