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कोरबा। पूर्व राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल पूरी तरह से बागी हो चले है ऐसा हम नहीं बल्कि उनकी हरकतें बताती है। पहले तत्कालीन कांग्रेस प्रदेश प्रभारी पी एल पुनिया फिर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बाद अब जयसिंह ने सीधे चरणदास महंत को चैलेंज दे दिया है। मौका था होली मिलन समारोह का ये पहला मौका है जब चरणदास महंत ने अपनी पत्नी के बंगले में होली मिलन समारोह का आयोजन किया हो जाहिर है ऐसे मौके पर परछाई की तरह साथ रहने वाले जयसिंह अग्रवाल को मौजूद रहना चाहिए था लेकिन जयसिंह ने अलग ही अपने घर पर ही रहकर होली मनाने का फैसला कर लिया। बात छोटी भले ही है लेकिन इसके मायने बड़े है। एक जगह पर ही कांग्रेस के दो बड़े नेताओं का आयोजन या यूं कहें एक तरफ जहां कांग्रेस प्राइवेट लिमिटेड के कर्ताधर्ता का होली मिलन तो दूसरी ओर प्राइवेट लिमिटेड के संरक्षक मौजूद थे। लेकिन प्राइवेट लिमिटेड के सदस्यों ने भी संरक्षक के प्रति झुकाव दिखाया कुछ खास को छोड़ अधिकांश सांसद बंगले में ही हाजरी लगाते देखे गए। महंत की कोरबा में पहली होली वो भी चुनाव के ठीक पहले एक मायने में शक्ति प्रदर्शन या आंकलन का जरिया था की 8 विधानसभा में से 7 हार चुकी कांग्रेस के लोग क्या अब भी संरक्षक का साथ देंगे या नहीं ! लेकिन इससे अलग ये समारोह क्या कोई इशारा था की इस बार ज्योत्सना महंत के इलेक्शन कैंपेन से जयसिंह अग्रवाल को पूरी तरह दूर कर दिया गया है जयसिंह के विरोध को देखते राजनैतिक पंडित इसे जरूरी भी बताते है लेकिन अब महंत के नवरत्न में कोरबा मेयर राजकिशोर शामिल हो गए है इनका भी काफी विरोध है ऐसे में महंत की डगर कहीं मुश्किल भरी न हो जाए। वैसे भी गोंगपा के मैदान में आते ही पाली और रामपुर में कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध की पूरी संभावना है और ये इलाके लोकसभा में कांग्रेस के गढ़ माने जाते है जो किसी भी विपरीत परिस्थिति को संभालने तैयार रहते थे अब पब्लिक पूछ रही है “आपका क्या होगा जनाबे अली”