June 30, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
मुंगेली: दोस्तों ने युवक को काट-डाला…सीने पर किए 15 वार, हाथ-पैर बांधकर नदी में फेंकाछत्तीसगढ़ के वित्तीय प्रबंधन में वित्त अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका: वित्त मंत्री ओपी चौधरीमंत्री रामविचार नेताम ने केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से नागपुर में की सौजन्य मुलाकातकोरबा की माटी का गौरव, जनसेवा के पुरोधा डॉ. बंशीलाल महतो की जयंती आज — संघर्ष, सेवा और सादगी के प्रतीक को कोरबा सहित पूरे प्रदेश ने किया नमन”उत्तरकाशी में बादल फटने से मची तबाही: नौ मजदूर लापता, राहत कार्य जारीपुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान भगदड़, तीन की मौतपीएम मोदी ने दिया ‘खाने में 10% तेल कम करो, मोटापा घटाओ’ का नाराबिलाईगढ़ विधायक पर आपत्तिजनक टिप्पणी का मामला गरमाया, कड़ी कार्रवाई की मांगपूर्व विधायक दिनेश चौधरी के नेतृत्व में मन की बात कार्यक्रम संपन्न, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को दी श्रद्धांजलिसरिया क्षेत्र में केजव्हीलयुक्त ट्रैक्टर पर हुई तीसरी बार कार्यवाही
छत्तीसगढ़

जज्बे को सलाम : उफनाई इन्द्रावती को पार कर टीका लगाने जाती हैं रानी

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

रायपुर। अगर आप लक्ष्य निर्धारित कर लें और उसे पानी की जिद हो तो नदी-नाले, जंगल-पहाड़ आड़े नहीं आते। ऐसे ही कहानी है बीजापुर जिले के धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र बेलनार के उपस्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक रानी मंडावी की। उनके लिए बच्चों और गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य प्रमुख है। वे रुकतीं नहीं, चाहे उफान मारती नदी रास्ते की बाधा क्यों न हो।
इन्द्रावती नदी को नाव से पार करके बच्चों और गर्भवती महिलाओं को टीका लगाने जाती हैं। मुश्किल हालात में ऐसा जुनून हर किसी को प्रेरणा देने वाला है। यही वजह है कि गुरुवार को रायपुर में ‘कायाकल्प’ पुरस्कार वितरण समारोह में सीएम भूपेश बघेल ने रानी को सम्मानित किया। उन्होंने रानी को उनकी सेवाओं के लिए धन्यवाद भी दिया।
28 वर्ष की रानी मंडावी पिछले पांच वर्षों से बेलनार उपस्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ हैं। स्वास्थ्य विभाग के नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत बच्चों और गर्भवती महिलाओं को टीका लगाने वे अनेक बाधाओं के बाद भी पहुंचती हैं।
रानी का जज्बा काबिल-ए-तारीफ है। कई बार नदी पार करने के लिए उन्हें नाविक नहीं मिले तो उन्होंने खुद ही पतवार उठाई और नाव चलाना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे इसी बहाने नाव चलना भी सीख गईं। रानी बताती हैं कि बेलनार और आसपास के गांवों में टीका लगाने के लिए उन्हें अक्सर कई किमी पैदल ही सफर करना पड़ता है। बच्चों और गर्भवती महिलाओं को समय पर टीके लग जाने से उन्हें बहुत सुकून मिलता है। उनके चेहरों पर मुस्कान देखकर वे अपनी तकलीफें भूल जाती हैं। उन्हें इस काम में उनके अस्पताल के साथियों का भी पूरा सहयोग मिलता है।

Related Articles

Check Also
Close