पढ़ें पत्रकार चंद्र शेखर शर्मा की बात बेबाक

मोदी – मोदी के तीन दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरे के बीच साय और रमन के साथ बैठने की स्थिति ने छ. ग. की राजनीति में हलचल मचा दी है । राजनैतिक विश्लेषक अपने अपने हिसाब से फ़ोटो के मायने निकाल रहे है कुछ सांय सांय सरकार में फेरबदल के संकेत दे रहे तो कोई रमन के कद में इजाफा बता रहे।
बहरहाल मोदी के पारिवारिक मिलन की इस बेला की फ़ोटो बिन कहे ही बहुत कुछ कह गई है। छत्तीसगढ़ की राजनीति के कुछ नवांकुरित नेता रमन सिंह के कद को कम आंकते अपनी दुकानदारी चमकाए रखने के फिराक में रहते है ।
ऐसे नवांकुरित नेताओ के लिए भी कुर्सी के बहाने एक संकेत छोड़ गए कि शेर की बगल में शेर ही बैठ सकता है । मोदी जब नए सीएम साय से मिले तो बीच में इतनी दूरी रखी कि लगा मानो राजनीतिक सोशल डिस्टेंसिंग का नया प्रोटोकॉल जारी हुआ किंतु जैसे ही पूर्व सीएम डॉ. रमन से मुलाकात की बारी आई तो साथ बैठा लिए भई पुरानी यारी में इतनी दूरियाँ अच्छी नहीं लगती।
मोदी डॉ रमन और साय के फोटो की चर्चा को सुन गोबरहीन टुरी कहती है महराज साय हर त राजनीति के नवा फिलम के हीरो हावय त कइसे पुराना फिलम वाले चैनल चालू हो गय । ये कइसन बात हावय नया वाला सांय सांय से दुरिहा अउ पुराना वाले डॉ ले पुराना वाले प्यार और करीबी समझेव नई अइसन काबर ?
गोबरहीन की बात सुन माथा चकराया जरूर फिर बोला तू नई जानती राजनीति में न कोई प्यार नया होता न कोई प्यार पुराना होता है बस समय का फेर होता है। फिर भी फ़ोटो पॉलिटिक्स का लब्बोलुआब यही है कि साय को भले ही पद मिला गया है किंतु इज्ज़त की स्क्रीन पर अब भी रमन सिंह का ही कब्जा है ।
राजनीति में कुर्सियाँ सिर्फ बैठने के लिए नहीं होती कभी-कभी संकेत देने के लिए भी होती हैं लेकिन मोदी मोदी है उसके संकेत को समझना इतना आसान भी नही इसलिए समय का इंतजार करो कि छत्तीसगढ़ की राजनीति में आगे क्या बवाल और धमाल होने वाला है ।
चलते चलते –
चिल्फी आरटीओ बैरियर में लठैतों के आतंक और इंट्री के नाम पर वसूली की चर्चा पर अफसर लगाम क्यों नही लगा पा रहे ? बैरियर से राजधानी तक हिस्से के बंटवारे की चर्चा कोरी अफवाह है या अफवाह में कोई सच्चाई ?
और अंत में –
कितना मुस्किल है इस अंदाज में जिंदगी भर सब्र करना,
तुम ही से फासला रखना है और तुम्ही से इश्क करना है।
#जय_हो 02 दिसम्बर 2025 कवर्धा(छात्तीसगढ़)

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