कोरबा, 30 सितम्बर। नवरात्रि के पावन अवसर पर कोरबा की धरती पर अध्यात्म और संस्कृति का अनोखा संगम देखने को मिला। नगर निगम कोरबा द्वारा आयोजित बनारस की भव्य रामलीला और जगद्गुरू श्रीरामभद्राचार्य जी महाराज की रामकथा में शामिल होकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि यह कोरबा का सौभाग्य है।
रामलीला मंचन में पहुंचे मुख्यमंत्री
नगर निगम द्वारा घंटाघर स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर ओपन थियेटर मैदान में रामलीला मंचन के तीसरे दिन मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने श्रीराम दरबार की पूजा-अर्चना की।
उन्होंने आयोजन समिति, महापौर संजूदेवी राजपूत और आयुक्त आशुतोष पांडेय को सफल आयोजन के लिए साधुवाद दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा –
“कोरबा में एक ओर बनारस की रामलीला और दूसरी ओर जगद्गुरू श्रीरामभद्राचार्य की रामकथा हो रही है। यह हमारी संस्कृति का अद्भुत संगम है। छत्तीसगढ़ भगवान श्रीराम का ननिहाल और माता कौशिल्या का मायका है, इसलिए यहां हर आयोजन का महत्व और बढ़ जाता है।”
जगद्गुरू श्रीरामभद्राचार्य का योगदान
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि जगद्गुरू श्रीरामभद्राचार्य देश के महान संत हैं और अयोध्या श्रीराम मंदिर निर्माण में उनका विशेष योगदान रहा है।
भवानी मंदिर के समीप उनकी प्रेरणा से भगवान श्रीराम का बालस्वरूप मंदिर बनाया गया है, जहां भगवान राम माता कौशिल्या की गोद में विराजमान हैं।

मुख्यमंत्री ने किया नामकरण – कौशिल्याधाम
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि भवानी मंदिर के समीप जिस गांव में यह मंदिर स्थित है, उसका नाम अब “कौशिल्याधाम” रखा जाएगा।
महापौर को मिली प्रेरणा
महापौर संजूदेवी राजपूत ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा चलाई गई श्रीरामलला दर्शन योजना से उन्हें प्रेरणा मिली और उसी से कोरबा में रामलीला आयोजन की पटकथा बनी।
उन्होंने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा –
“पूरे छत्तीसगढ़ की तरह कोरबा को भी आपके स्नेह और आशीर्वाद का लाभ मिल रहा है।”
भव्य आयोजन में रही विशेष उपस्थिति
इस अवसर पर उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन, स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष गोपाल मोदी, जिला पंचायत अध्यक्ष पवन सिंह, पूर्व महापौर जोगेश लांबा, भाजपा प्रदेश मंत्री रितु चौरसिया समेत कई जनप्रतिनिधि, अधिकारी और बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।

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