छत्तीसगढ़ ACB-EOW ने तेंदूपत्ता संग्राहकों के बोनस घोटाले में पूर्व विधायक के आवास पर छापेमारी की

रायपुर(ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़) । छत्तीसगढ़ राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो/आर्थिक अपराध शाखा (ACB-EOW) ने गुरुवार को तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए आवंटित बोनस राशि के अनियमितताओं के मामले में बस्तर के दो बार के पूर्व विधायक और आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता मनीष कुंजाम समेत कई स्थानों पर छापेमारी की।
ACB-EOW ने एक बयान में श्री कुंजाम को ‘संदिग्ध’ बताया। जबकि पूर्व विधायक इस मामले में टिप्पणी करने के लिए उपलब्ध नहीं थे, उनके सहयोगी कार्यकर्ताओं ने दावा किया कि यह पूर्व विधायक स्वयं थे जिन्होंने इस क्षेत्र के तेंदूपत्ता संग्राहकों को वितरित की जाने वाली धनराशि के गबन के आरोपों के खिलाफ आवाज उठाई थी।
मुख्य बिंदु:
- छापेमारी ACB-EOW द्वारा कथित बोनस गबन मामले की जांच के तहत की गई
- मामला तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए आवंटित विशेष बोनस से जुड़ा है
- पूर्व विधायक के समर्थकों का दावा है कि वह स्वयं भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठा चुके हैं
- जांच अधिकारियों ने कई स्थानों से दस्तावेज और सबूत जब्त किए
पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह मामला पिछले वर्षों में तेंदूपत्ता संग्राहकों को दिए जाने वाले विशेष बोनस के गलत वितरण से जुड़ा है। ACB-EOW ने बताया कि जांच के दौरान प्राप्त सबूतों के आधार पर यह कार्रवाई की गई है।
कुंजाम के समर्थकों ने इस कार्रवाई को “राजनीतिक प्रतिशोध” बताते हुए कहा कि एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में कुंजाम लगातार आदिवासी अधिकारों और तेंदूपत्ता संग्राहकों के हितों के लिए संघर्ष करते रहे हैं।
ACB-EOW के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि “जांच में कई अन्य लोगों की संलिप्तता भी सामने आई है और आगे की कार्रवाई की जाएगी।”