सरकार धान से इथनॉल बनाने पर जोर देगी
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रायपुर। प्रदेश में धान के उत्पादन को देखते हुए सरकार धान से इथनॉल बनाने पर जोर देगी. इसके लिए देश-विदेश के इन्वेस्टर्स को आमंत्रित किया जाएगा। मुख्यमंत्री बघेल ने बैठक में सोसाइटी में चना आने के बाद भी वितरित नहीं किये जाने पर नाराजगी जताते हुए अधिकारियों को इसकी जांच करने को कहा।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रचलित सभी राशन कार्डों का नवीनीकरण होगा। इसके लिए पंचायतों और नगरीय निकायों में विशेष अभियान चलाया जाएगा, इसके साथ नए राशन कार्ड भी बनाए जाएंगे। अधिकारियों से राशन कार्ड बनाने में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हो और फर्जी राशन कार्ड नहीं बनने की बात कही।
इसके अलावा अधिकारियों से अनुसूचित और गैर अनुसूचित क्षेत्र में, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में, मिट्टी तेल के वितरण पर जोर दिया। बैठक में मौजूद खाद्य मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि राशन दुकानों से गुड़ वितरण के विकल्प पर भी विचार किया जाए। इससे हमारी गन्ना प्रोसेसिंग वाले कारखाने सशक्त होंगे। इस दौरान सचिव खाद्य ने कहा कि राशनकार्ड बनाते समय आधार, एसएससी और वोटर लिस्ट से मिलान किया जाएगा। साथ ही एपीएल का भी राशन कार्ड बनेगा।
इथनॉल का क्यों है महत्व
इथनॉल एक ऐसा अक्षय ईंधन है, जिसका इस्तेमाल पेट्रोल के साथ किया जाता है। इससे प्रदूषण कम होने के साथ पर्यावरण की रक्षा होती है, इसके अलावा पेट्रोल पर खर्च होने वाला कीमती विदेशी मुद्रा भी बचती है। भारत सरकार ने पेट्रोलियम कंपनियों को 2022 तक पेट्रोल में 10 प्रतिशत इथनॉल मिलाने का लक्ष्य दिया है, लेकिन इथनॉल का उत्पादन पर्याप्त नहीं होने के वजह से महज 3-4 प्रतिशत तक ही इस्तेमाल किया जा रहा है।