विधानसभा में गूंजा एपीएल को फर्जी तरीके से बीपीएल कार्ड बनाने का मामला, जांच के निर्देश

रायपुर । बिलासपुर जिले में पिछले दो साल में एपीएल कार्ड को बगैर हितग्राहियों की अनुमति से बीपीएल में फर्जी तरीके से बदलने का मामला आज विधानसभा में गूंजा। सत्ता पक्ष के विधायक ने इसकी आड़ में गरीबों के हक पर डाका डालने का आरोप लगाते हुए इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कर दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।
विभागीय मंत्री इसके लिए तैयार नहीं हुए परंतु स्पीकर ने इसे गंभीरता से लेते हुए खाद्य मंत्री को जांच के लिए निर्देशित किया। छत्तीसगढ़ विधानसभा में शीत सत्र के तीसरे दिन प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक सुशांत शुक्ला ने यह मामला उठाते हुए खाद्य मंत्री दयालदास बघेल को जमकर घेरा।
उन्होंने आरोप लगाया कि वर्ष 2023 से 2025 के बीच कई APL कार्ड को बगैर हितग्राही की अनुमति के बीपीएल में परिवर्तित कर दिया गया । इस मामले में जिला प्रशासन ने FIR भी दर्ज कराया था परन्तु दोषी अफसरों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
भाजपा विधायक ने आरोप लगाया कि विभाग में भ्रष्टाचार को खुलेआम संरक्षण दिया जा रहा है। विभागीय मंत्री दयालदास बघेल ने बताया कि इस मामले में उनके विभाग से कोई FIR दर्ज नहीं कराई गई थी।19 ऐसे कार्ड की शिकायत मिली थी जिसमें 15 हितग्राहियों ने बी पी ए ल के लिए सहमति दी थी। निगम के जोन कमिश्नर की ओर से FIR कराई गई थी।
इसमें उनके विभाग की कोई भूमिका नहीं है। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट भाजपा विधायक ने मंत्री पर सवालों की झड़ी लगाते हुए इसी जांच कराकर दोषी अधिकारी पर कार्रवाई की मांग की।
जिसके लिए मंत्री तैयार हुए। सत्ता पक्ष के ही विधायक अजय चंद्राकर ने चर्चा में भाग लेते हुए इस मामले की गंभीरता को देखते हुए इस विषय पर सदन में आधे घंटे की चर्चा कराने का आग्रह आसंदी से किया। अंत में स्पीकर डॉ रमन सिंह ने विभागीय मंत्री को इस मामले की जांच के लिए निर्देश दिए।

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