
कोरबा।
केन्द्रीय उपभोक्ता मामले विभाग के तत्वावधान में महाराष्ट्र विधि विश्वविद्यालय, नागपुर द्वारा उपभोक्ता आयोगों की कैपेसिटी बिल्डिंग कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम (31 अक्टूबर से 2 नवम्बर 2025) में देशभर के राज्य उपभोक्ता आयोगों के अध्यक्ष और सदस्यों को आमंत्रित किया गया था।
राज्य उपभोक्ता आयोग रायपुर द्वारा छत्तीसगढ़ से आठ जिलों के प्रतिनिधियों को नामित किया गया, जिनमें कोरबा जिले से जिला उपभोक्ता आयोग की सदस्य ममता दास शामिल रहीं। उनके अलावा रायपुर से अध्यक्ष डॉ. केशवर शर्मा, जांजगीर-चांपा से अध्यक्ष प्रशांत कुंडू, दुर्ग से सदस्य नीलू ठाकुर, रायगढ़ से सदस्य राजश्री अग्रवाल, जगदलपुर से अध्यक्ष गोपाल पाणिग्रही व सदस्य सुजाता जायसवाल, और बिलासपुर से अन्य प्रतिनिधि इस कार्यक्रम का हिस्सा बने।
कार्यशाला में ई-कॉमर्स, डिजिटल साक्ष्य, न्यायिक नैतिकता, डिजिटल अरेस्टिंग, मध्यस्थता और न्यायपूर्ण निर्णय जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विशेषज्ञों ने मार्गदर्शन दिया।
कार्यक्रम का उद्घाटन केन्द्रीय उपभोक्ता मामले विभाग की सचिव निधि खरे की उपस्थिति में हुआ। इस अवसर पर बॉम्बे उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश भूषण धर्माधिकारी, दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश आर.के. गौबा, पंजाब उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश परमजीत पालीवाल, तथा प्रो. के.पी. शर्मा, प्रो. सुशीला और एडवोकेट शिशिर ने उपभोक्ता अधिकारों और धोखाधड़ी से बचाव के उपायों पर विस्तार से चर्चा की।
विश्वविद्यालय के कुलपति विजेन्द्र कुमार, रजिस्ट्रार दीपक भागवत, प्रो. शिल्पा जैन, और प्रो. टीवी का कोठेकर ने इस आयोजन को सफल बनाने में प्रमुख भूमिका निभाई।
कार्यशाला में शामिल होकर कोरबा की सदस्य ममता दास ने कहा कि ऐसे प्रशिक्षण से आयोग के सदस्यों को उपभोक्ता मामलों की बेहतर समझ मिलती है और ई-कॉमर्स के दौर में डिजिटल न्याय को और सशक्त बनाने की दिशा में मदद मिलती है।

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