रायपुर/कोरबा। राजनीति और कारोबार के गठजोड़ की एक नई मिसाल राजधानी में उजागर हुई है। वही व्यक्ति प्रेमचंद पांडेय, जिसकी पैरवी पूर्व गृह मंत्री ननकीराम कंवर ने कोरबा कलेक्टर अजीत वसंत के समक्ष की थी, अब रायपुर पुलिस की FIR में आरोपी बन गया है। पांडेय पर आरोप है कि उसने कारोबारी रासू जैन के दफ्तर में घुसकर गाली-गलौज की, धमकियाँ दीं और अगवा करने की चेतावनी दी।तेलीबांधा थाना पुलिस ने शिकायत के आधार पर धारा 296, 351(3) और 329(4) के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
कलेक्टर ने ठुकराई थी पैरवी
सूत्रों के मुताबिक, कुछ महीने पहले पूर्व गृह मंत्री ननकीराम कंवर स्वयं कोरबा कलेक्टर अजीत वसंत से मिले थे।
कंवर ने पांडेय के पक्ष में मदनपुर टोल प्लाजा में हिस्सेदारी दिलाने का आग्रह किया था, लेकिन कलेक्टर ने “बिना वैधानिक दस्तावेज के मदद असंभव” कहकर पैरवी ठुकरा दी थी। अब वही व्यक्ति कारोबारी के दफ्तर में दादागीरी करते हुए पकड़ा गया और पुलिस के रडार पर है।
कारोबारी के ऑफिस में घुसकर दी धमकी
घटना 13 अक्टूबर की दोपहर की है। शिकायत के मुताबिक, प्रेमचंद पांडेय एक अज्ञात व्यक्ति के साथ जीवन विहार कॉलोनी, तेलीबांधा स्थित ऑफिस में घुसा और चिल्लाते हुए बोला —
“रासू गद्दार, मेरा 30 करोड़ खा गया है ! माँ का दूध पिया है तो बाहर आ!”
पांडेय ने कर्मचारियों अनुज साहू और नवीन कुमार के सामने कहा —
“अगली बार मंत्री को लेकर आऊँगा, पूरी फौज लाऊँगा और सबके सामने रासू को उठाकर ले जाऊँगा, गोली मार दूँगा।”
कारोबारी रासू जैन ने पुलिस को बताया कि पांडेय लंबे समय से व्हाट्सएप और फोन पर गालियाँ दे रहा था और झूठे बहाने से पैसों की उगाही करने की कोशिश कर रहा था।

कारोबारी ने कहा — “अब डर में जी रहे हैं”
रासू जैन ने पुलिस से सुरक्षा की मांग करते हुए कहा,
“मैं और मेरा परिवार लगातार धमकियों के साए में हैं। यह व्यक्ति बार-बार खुद को प्रभावशाली बताकर डराने की कोशिश करता है।”
उन्होंने बताया कि फर्म मेसर्स विनोद कुमार जैन और पांडेय के बीच पहले टोल ठेका साझेदारी को लेकर वित्तीय मतभेद थे, पर अब बात सिर्फ अपराध और धमकी तक पहुँच चुकी है।
पुलिस ने कहा — “साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई होगी”
तेलीबांधा थाना प्रभारी ने बताया कि FIR दर्ज कर ली गई है और घटना के प्रत्यक्षदर्शियों के बयान लिए जा रहे हैं।
“कॉल डिटेल, बैंक ट्रांजैक्शन और CCTV फुटेज की जांच जारी है। यदि आरोप प्रमाणित हुए तो कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
राजनीतिक हलकों में हलचल
मामले के सार्वजनिक होते ही राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि “क्या ननकीराम कंवर की पैरवी किसी आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति के लिए थी ?” हालांकि, इस मामले पर ननकीराम कंवर की ओर से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
पृष्ठभूमि
प्रेमचंद पांडेय का नाम लंबे समय से टोल प्लाजा ठेका विवादों में जुड़ा रहा है। वह खुद को ठेकेदारों और राजनीतिक हलकों से जुड़ा बताते हुए कई बार ठेकों में हिस्सेदारी का दावा कर चुका है। अब जब मामला FIR तक पहुँच गया है, तो यह विवाद “राजनीतिक पैरवी से उपजा आपराधिक दबाव” का नमूना बन गया है।
मुख्य बिंदु एक नजर में
- आरोपी : प्रेमचंद पांडेय — पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर की पैरवी वाला व्यक्ति
- आरोप : कारोबारी के ऑफिस में घुसकर गाली-गलौज, धमकी, अगवा की चेतावनी
- FIR धाराएं : 296, 351(3), 329(4)
- पीड़ित : रासू जैन, फर्म — मेसर्स विनोद कुमार जैन
- जांच : पुलिस ने कॉल रिकॉर्ड, गवाहों और बैंक ट्रांजैक्शन जब्त किए
- राजनीतिक पहलू : ननकीराम की पैरवी अब सवालों के घेरे मे

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