बिलासपुर। आज के जमाने में जहां लोग 2 महीने में रिश्ता तोड़ देते हैं, वहीं बिलासपुर के चिंगराज पारा में सत्तर साल के दादू राम गंधर्व ने सबको सिखा दिया कि प्यार न उम्र देखता है, न समाज का डर!
जी हाँ… सत्तर के दादू ने तीस साल की कमला (बदला हुआ नाम) से सात फेरे लेकर सबको हैरान कर दिया — और सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं,
“दादू के जज़्बे को सलाम, रिटायरमेंट के बाद भी दिल जवान है !”
पिछले कुछ महीनों से दोनों का रिश्ता मोहल्ले में चर्चा का विषय था। किसी ने कहा — “कमला को तो अपने दादाजी जैसी उम्र का मिल गया!”
तो किसी ने चुटकी ली — “अब तो बिलासपुर में राधे-श्याम 2.0 का रीमेक बनना तय है!”
लेकिन दादू और कमला ने किसी की परवाह नहीं की।
उम्र का फासला 40 साल!
समाज की बातें अनगिनत!
मगर प्यार के आगे सब फेल!
दोनों ने तय किया — “जो होगा देखा जाएगा, अब तो फेरे लेकर ही रहेंगे!”

फिर क्या था — आज अटल आवास, चिंगराज पारा में ढोल-ताशे बजे, फूल बरसे, और दादू ने लाल साफा पहनकर कमला को वरमाला पहनाई।
बुजुर्ग दूल्हे और जवान दुल्हन को देख कर मोहल्ले वाले बोले —
“प्यार में उमर नहीं, हिम्मत होनी चाहिए!”
कुछ महिलाएँ हँसते हुए बोलीं — “अब दादू को दूध नहीं, काजू-बादाम देना पड़ेगा रोज़!”
शादी के बाद कमला की विधिवत विदाई हुई और वधू का गृह प्रवेश दादू के घर में पूरे रीति-रिवाज से कराया गया।
परिवार ने कहा — “अब तो घर में फिर से रौनक आ गई है, दादू मुस्कुरा रहे हैं, टीवी की आवाज़ कम हो गई है!”
दादू राम ने मुस्कुराते हुए कहा —
“दिल जवान हो तो उम्र क्या मायने रखती है… प्यार तो भगवान की मुराद है!”
वहीं कमला बोली —
“लोग क्या कहेंगे छोड़िए, हमें तो बस साथ निभाना है… बाकी समाज बाद में देखेगा।”
अब मोहल्ले में यह शादी बनी है चर्चा का सबसे गर्म टॉपिक!
कहीं लोग तालियाँ बजा रहे हैं, कहीं हँसी के ठहाके लग रहे हैं…
पर एक बात सब मान गए —
“प्यार अंधा नहीं होता, बस दादू स्टाइल में थोड़ा हटके होता है !”
“सत्तर के दूल्हे ने लाल साफे में चौंकाया, तीस की कमला बनी दुल्हन — देखिए अनोखी प्रेम कहानी !”

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