कृषि विज्ञान केन्द्र, बेमेतरा में भारत के विभिन्न प्रदेशों से आए वैज्ञानिकों का भ्रमण
बेमेतरा (ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ )। भारत के विभिन्न प्रदेशों से अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना (फसल बीज) के तहत गठित वैज्ञानिकों की मॉनिटरिंग टीम द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र बेमेतरा के प्रक्षेत्र पर संचालित सोयाबीन प्रजनक बीज उत्पादन कार्यक्रम का अवलोकन एवं भ्रमण किया गया।
इस भ्रमण के दौरान अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना (फसल बीज) के वैज्ञानिकों के द्वारा सोयाबीन की फसल किस्म आर.एस.सी. 11 07 का निरीक्षण किया गया।
तत्पश्चात सीड हच कार्यक्रम अंतर्गत निर्मित प्रसंस्करण सह बीज भंडारण इकाई तथा हाइटेक नर्सरी का भ्रमण किया गया।
केन्द्र में उपस्थित मॉनिटरिंग टीम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. अरविंदनाथ सिंग, डायरेक्टर व संयोजक, मानिटरिंग टीम, सेंट्रल जोन 2 द्वारा सोयाबीन की प्रजनक बीज के लिए फसल के उचित रख-रखाव पर तकनीकी मार्गदर्शन दिया गया। डॉ. जे.पी. खाटोड, वैज्ञानिक, डॉ. पंजाब राव देशमुख विद्यापीठ, अकोला द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र को और अधिक संसाधन युक्त व सुव्यवस्थित बनाने तथा किसानों को टिकाऊ खेती के लिए प्रेरित करने हेतु केवीके में समन्वित कृषि प्रणाली विकसित करने का सुझाव दिया गया। साथ ही साथ गर्वमेन्ट सेक्टर द्वारा विकसित की गई उन्नत किस्मों का ज्यादा से ज्यादा प्रचार व प्रसार करने का सलाह दिया गया।
स्व सहायता समूहों के लिए सुझाव :
डॉ. पवित्रा वी., वैज्ञानिक, एन.आई.एस.एस.टी. अनुसंधान केन्द्र, माउ द्वारा स्व सहायता समूहों के बीच सोयाबीन का प्रसंस्करण व शुद्धिकरण के तकनीकी कार्य का प्रसार करने हेतु सुझाव दिये गये।
भ्रमण के दौरान उपस्थित वैज्ञानिक डॉ. चन्दुसिंग, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली, डॉ. रविन्द्र वर्मा, प्रमुख वैज्ञानिक तथा डॉ. ओमनारायण वर्मा, वैज्ञानिक, अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना (फसल बीज), इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर द्वारा भी सोयाबीन के प्रजनक बीज के उत्पादन पर चर्चा के दौरान आवश्यक तकनीकी मार्गदर्शन दिया गया। भ्रमण के दौरान कृषि विज्ञान केन्द्र, बेमेतरा के वैज्ञानिक श्रीमती रजनी डी. आगाशे, डॉ. जितेन्द्र कुमार जोशी, डॉ. लवकुमार, श्री शिवकुमार सिन्हा तथा अन्य कर्मचारी गण उपस्थित रहे।

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