कोरबा RTO में दलालों की छुट्टी : डीटीओ विवेक सिन्हा की सख्त कार्रवाई, अब विंडो सिस्टम से होगा हर काम
कोरबा: कोरबा जिला परिवहन कार्यालय (RTO) में अब दलालों की मनमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। नए जिला परिवहन अधिकारी (डीटीओ) विवेक सिन्हा ने पदभार संभालते ही सख्त और पारदर्शी व्यवस्था लागू कर दी है। इससे अब हर प्रकार का कार्य केवल विंडो/काउंटर के माध्यम से ही होगा, जिससे बिचौलियों का दखल समाप्त हो जाएगा और आम नागरिकों को सीधे सुविधा मिलेगी।
विंडो सिस्टम — पारदर्शिता की दिशा में बड़ा कदम
डीटीओ विवेक सिन्हा ने कार्यालय में पार्टीशन कराकर अलग-अलग कार्यों के लिए स्पष्ट रूप से विंडो (काउंटर) नंबरिंग करवाई है। प्रत्येक विंडो पर यह स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि किस नंबर पर कौन-सा कार्य होगा — जैसे लाइसेंस, आरसी, नवीनीकरण, दस्तावेज़ सत्यापन आदि। आवेदक अब सीधे अपने आवश्यक विंडो पर जाकर आवेदन करेंगे और रास्ते में दलालों की दखलंदाजी असम्भव हो जाएगी।
सीधा संपर्क — गंभीर मामलों के लिए सुविधा
डीटीओ ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि किसी नागरिक को गंभीर समस्या या विशेष शिकायत हो तो वह सीधे उनके कार्यालय में आकर उनसे मिल सकता है। कार्यालय में बने पार्टीशन के कारण यह सुनिश्चित किया गया है कि जनता से संपर्क बाधित न हो, परंतु सामान्य कामकाज विंडो के माध्यम से ही सुचारू होगा।
ऑनलाइन शिकायतों पर जवाब — विरोधाभास का नोट
हाल ही में कुछ ऑनलाइन शिकायतें भी आईं, जिनमें कहा गया कि विंडो सिस्टम से लोगों को असुविधा हो रही है। डीटीओ विवेक सिन्हा ने इस पर कहा कि पहले शिकायत यह आती थी कि अनावश्यक लोग और दलाल कार्यालय में घूमते रहते हैं, और अब वही लोग शिकायत कर रहे हैं कि उन्हें अंदर आने नहीं दिया जा रहा — यह विरोधाभासी है। उनका स्पष्ट उद्देश्य पारदर्शिता और नागरिकों को दलालों पर निर्भरता से मुक्त कराना है।
भीड़ प्रबंध एवं कामकाजी माहौल में सुधार
नई व्यवस्था से कार्यालय में बेवजह की भीड़ घटेगी और आवेदकों को यह स्पष्ट रहेगा कि उनका काम कहाँ होगा। इससे न केवल समय की बचत होगी बल्कि कर्मचारियों का कार्यप्रवाह भी व्यवस्थित होगा। सीमित स्थान में व्यवधान पैदा करने वाले अनावश्यक तत्वों की संख्या घटने से कार्यालय का माहौल शांत और प्रभावी रहेगा।
भ्रष्टाचार पर प्रभावी रोक
विंडो सिस्टम के लागू होने से दलालों की अवैध एंट्री और भ्रष्ट आचरण पर कड़ी रोक लगेगी। अधिकारीयों का मानना है कि पारदर्शी प्रक्रिया और सुलभ विंडो नंबरिंग से आम नागरिकों को अपने काम के लिए किसी दलाल की आवश्यकता नहीं रहेगी और सरकारी सिस्टम पर लोगों का भरोसा बढ़ेगा।
स्थानीय नागरिकों और आवेदकों का कहना है कि यह पहल प्रभावी साबित हुई तो इससे प्रशासनिक सेवाओं में सुधार आएगा और दिन प्रतिदिन के काम आसानी से निपटेंगे। कुछ लोग प्रारम्भिक असुविधा का हवाला दे रहे हैं, पर बहुसंख्यक मत यह है कि दीर्घकालिक लाभ अधिक होगा।
नोट: यह खबर हाल ही में लागू की गई व्यवस्था और डीटीओ के बयान पर आधारित है।

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