छत्तीसगढ़

कोरबा में 10 करोड़ का टेंडर घोटाला: शिक्षा विभाग की भूमिका संदिग्ध

कोरबा(ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ )। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा 21 जुलाई 2025 की रात 9:58 बजे जारी किया गया लगभग 10 करोड़ का टेंडर अब घोटाले के शक में घिर चुका है। इस टेंडर में ऐसी तकनीकी गड़बड़ियां हैं जो साबित करती हैं कि यह पूरी प्रक्रिया किसी तय ठेकेदार को फायदा पहुंचाने के लिए बनाई गई थी।

टेंडर में डेस्क-बेंच की साइज, ऊंचाई, चौड़ाई, गहराई का उल्लेख नहीं किया गया है। सिर्फ ‘माइल्ड स्टील’ लिखा है, पर यह नहीं बताया गया है कि फ्रेम सीआर पाइप होगा या एमएस एंगल। ऐसी अस्पष्टता प्रामाणिक बोलीदाताओं को हतोत्साहित करने का जरिया बनती है।

टेंडर जारी होते ही सिर्फ 3 दिन में सैंपल जमा करने की बाध्यता – सीधे तौर पर छत्तीसगढ़ भंडार क्रय नियमों का उल्लंघन है। क्या इतने बड़े टेंडर में सिर्फ ‘तेज सप्लायर’ ही पात्र होंगे?

इस टेंडर में एमएसएमई और स्टार्टअप यूनिट्स को कोई छूट नहीं दी गई है। यानी ‘लोकल उद्योग’ की कोई कद्र नहीं – सिर्फ सेट कारोबार!

गेम पोर्टल पर जारी किए गए इस टेंडर में सभी दस्तावेजों की हार्ड कॉपी स्पीड पोस्ट से भेजने की शर्त – यह बाहर के योग्य विक्रेताओं को बाहर करने की सुनियोजित चाल है।

बिडर का टर्नओवर: ₹1.5 करोड़, ओईएम का टर्नओवर: ₹7 करोड़, अनिवार्य प्रमाणपत्र: आईएसओ 9001, 14001, 45001, बीआईएफएमए, सीसी पर्यावरण मंजूरी, बिजली बिल, उत्पादन प्रमाणपत्र – सब 3 दिन में इन शर्तों का मकसद किसी एक फिक्स ठेकेदार के लिए दरवाज़ा खोलना और बाकी सभी के लिए बंद करना ही लगता है।

जब संवाददाता ने इस संबंध में डीईओ ताम्रश्वर उपाध्याय से बात करनी चाही तो उन्होंने कहा, “आज छुट्टी है, कल बात करें।” अगले दिन 11 बजे कॉल पर हांमी भरी पर कोई जवाब नहीं दिया। इस मामले में तत्काल रद्दीकरण और उच्चस्तरीय जांच की मांग की जा रही है।

 
HOTEL STAYORRA नीचे वीडियो देखें
Gram Yatra News Video

Live Cricket Info

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button