छत्तीसगढ़

मोर गांव मोर पानी महाअभियान, जल संरक्षण की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम

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मोहला (ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ )। जल संरक्षण एवं संचयन की दिशा में छत्तीसगढ़ प्रदेश सरकार के निर्देश पर कलेक्टर तुलिका प्रजापति एवं जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी भारती चंद्राकर के मार्गदर्शन में मोर गांव मोर पानी महाअभियान का शुभारंभ जिले के सभी जनपद पंचायतों में जोरशोर से किया गया है। इस अभियान के तहत क्लस्टर स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम ग्राम पंचायत भोजटोला से प्रारंभ किया गया। जिसका उद्देश्य ग्रामीणों में जल की महत्ता को समझाना और जल संकट से भविष्य को बचाना है।

प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि किस प्रकार रिज टू वैली पहाड़ से मैदान तक सिद्धांत को अपनाकर वर्षा जल का संचयन किया जा सकता है। साथ ही जल संरचनाओं के निर्माण की विभिन्न विधियों को समझाया गया। जिससे भूजल स्तर में वृद्धि, भूमि कटाव की रोकथाम और गर्मी के दिनों में भी जल उपलब्धता सुनिश्चित हो सके। आगामी तीन वर्षों के लिए एक ठोस जल संरक्षण कार्ययोजना तैयार की जा रही है, जिसमें ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी से गांव-गांव में जल संरक्षण की दिशा में प्रस्ताव तैयार किए जाएंगे।

जनपद पंचायत मोहला के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रांजल प्रजापति ने प्रशिक्षण में अभियान की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए सभी उपस्थित जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों को जल संरक्षण की शपथ दिलाई। कार्यक्रम में 14 ग्राम पंचायतों के सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक सहित एनआरएलएम, मनरेगा, कृषि विभाग, जल संसाधन विभाग एवं पीएचई विभाग के तकनीकी अधिकारी एवं मैदानी अमले ने भाग लिया।

इसी क्रम में जनपद पंचायत अंबागढ़ चौकी के सभाकक्ष में भी क्लस्टर स्तरीय प्रशिक्षण आयोजित हुआ, जिसमें जनपद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सदस्य, विभागीय अधिकारी और ग्रामीणजनों ने भाग लिया। प्रशिक्षण में जीआईएस तकनीक के उपयोग से जल संरचनाओं के निर्माण पर विशेष बल दिया गया, ताकि जल संरक्षण दीर्घकालीन एवं प्रभावशाली बन सके।

अभियान को जन-जन तक पहुंचाने हेतु दीवार लेखन, प्रचार-प्रसार एवं शपथ ग्रहण कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। मोर गांव मोर पानी महाअभियान गांव-गांव में एक आंदोलन का रूप ले चुका है, जिसमें हर ग्रामीण जल की एक-एक बूंद का महत्व समझने और उसे बचाने के लिए सजग हो रहा है। यह अभियान न केवल तकनीकी जागरूकता का माध्यम है, बल्कि भावनात्मक जुड़ाव के साथ जल संरक्षण को जन आंदोलन बनाने की दिशा में एक सशक्त पहल है। आने वाली पीढ़ियों के लिए जल की सुरक्षा आज की जिम्मेदारी है। और मोर गांव मोर पानी इसी जिम्मेदारी का सशक्त स्वरूप है।

 
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