छत्तीसगढ़

बाल विवाह मुक्त सरगुजा के लिए कार्यशाला आयोजित

अम्बिकापुर। महिला एवं बाल विकास विभाग, यूनिसेफ तथा राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा संयुक्त रूप से गुरुवार को शासकीय श्यामा प्रसाद मुखर्जी महाविद्यालय सीतापुर में किशोर सशक्तिकरण एवं बाल विवाह रोकथाम पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में यूनिसेफ से जिला समन्वयक श्रीमती ममता चौहान, विधिक सहपरवीक्षा अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग अंबिकापुर से श्रीमती सुमंती खाखा, वरिष्ठ वकील राजेश गुप्ता द्वारा बाल विवाह रोकथाम अधिनियम, स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, जल स्वच्छता, बालश्रमिक निषेध, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, शाला त्यागी बच्चों को पुनः शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने, स्पॉन्सरशिप योजना, किशोर सशक्तिकरण जैसे विभिन्न मुद्दों पर पर विस्तार से चर्चा की गई।

कार्यशाला में मुख्य वक्ता श्रीमती ममता चौहान ने बाल विवाह के दुष्टप्रभाव और रोकथाम पर अपनी प्रस्तुतीकरण दी जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य में बाल विवाह की स्थिति, बाल विवाह के कारण, प्रभाव, उपाय एवं बाल विवाह के खिलाफ कानूनी उपाय के बारे में जानकारी देते हुए सरगुजा जिला को बाल विवाह मुक्त करने की अपील भी की गई। महिला एवं बाल विकास विभाग से मौजूद विधिक सहपरवीक्षा अधिकारी श्रीमती सुमंती खाखा द्वारा पॉक्सो एक्ट, यौन शोषण के कानूनी प्रावधानों पर विस्तृत जानकारी दी गई। इन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के बारे में छात्रों को अवगत कराया। वरिष्ठ वकील राजेश गुप्ता ने बाल मजदूरी निषेध अधिनियम 1986 एवं बाल अधिकार कानून एवं संरक्षण विषय पर चर्चा करते हुए विद्यार्थियों को स्वस्थ समाज के प्रति जागरुक किया। संस्था के प्राचार्य डॉ एस के टोप्पो के मार्गदर्शन में यह कार्यशाला संपन्न हुई। इस कार्यशाला का सफल संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ रोहित कुमार बरगाह द्वारा किया गया। इस कार्यशाला में महाविद्यालय के प्राध्यापक गण, राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयं सेवकों, एनसीसी, रेड क्रॉस, रेड रिबन क्लब व महाविद्यालय के अन्य विद्यार्थी उपस्थित रहे।

 
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