छत्तीसगढ़

पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत पहले बैच के हितग्राहियों को कलेक्टर ने प्रदान किए सर्टिफिकेट

स्वरोजगार को मिलेगा बढ़ावा,आसानी से मिल सकेगा लोन

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बलौदाबाजार । कलेक्टर दीपक सोनी ने पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत टेलरिंग सेक्टर में सफलता पूर्वक प्रशिक्षण प्राप्त किए 19 हितग्राहियों के पहले बैच को सर्टिफिकेट प्रदान किया है। जिससे इन ही हितग्राहियों ना केवल कौशल में निखार होगा बल्कि उन्हें आसानी से स्वरोजागर हेतु 1 लाख रूपये तक लोन मिल जाएगा। कलेक्टर ने सभी हितग्राहियों से मिलकर उन्हें बधाई देते हुए उनका हालचाल का जायजा लिया। इसी तरह भाटापारा आईटीआई में भी 20 हितग्राहियों को तहत राजमिस्त्री सेक्टर में सफलता पूर्वक प्रशिक्षण प्राप्त करने पर पूरे बैच को सर्टिफिकेट प्रदान किया गया है। जिले में पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत 51903 हितग्राहियों ने पंजीयन कराया है। जिसमे से 27 हजार 478 हितग्रहियो को सत्यापित कर चरण बद्ध तरीके से ट्रेनिग दी जा रही है। जिसमें बेसिक ट्रेनिग 5 दिवसीय, एडवांस ट्रेनिग 15 दिन की होती है साथ ही हितग्राहियों को 500 रूपये प्रतिदिन के हिसाब से मानदेय दिया जाता है। प्रशिक्षण उपरांत संबधित सेक्टर का कीट एवं एनएसडीसी सर्टिफिकेट प्रदान किया जाता है। पीएम विश्वकर्मा योजना का मकसद उन कारीगरों की मदद करना है, जो अपने पारंपरिक हुनर से जीवनयापन करते हैं, जैसे लोहार, बढ़ई, कुम्हार, दर्जी, और कई अन्य। ऐसे परिवार के युवा योजना से मिली राशि का उपयोग कर अपनी हस्तकला और शिल्पकला के माध्यम से अपनी आजीविका आराम से चला सकते हैं। इस योजना के तहत, उन्हें वित्तीय सहायता के साथ-साथ तकनीकी प्रशिक्षण और आधुनिक उपकरण भी मुहैया कराए जाते हैं, जिससे वे अपने काम में सुधार कर सकें और अपनी आमदनी को बढ़ा सकें। यह योजना उन कारीगरों और शिल्पकारों के लिए है, जो पारंपरिक काम से जुड़े हुए हैं। कुछ प्रमुख कारीगर समूह जिन्हें इस योजना का लाभ मिलता है। जिसमें बढ़ई ,कुम्हार, दर्जी सुनार लोहार मोची नाव बनाने वाले माला बनाने वाले इनके अलावा, अन्य पारंपरिक कारीगर भी इस योजना के तहत पात्र हो सकते हैं, जिनका नाम इस सूची में नहीं है। इस लिस्ट में 18 कैटेगरी के काम का जिक्र है। इस योजना के तहत लाभार्थियों को बेहद कम दर पर लोन मिलता है। इसमें कारीगरों को 5 प्रतिशत की आसान ब्याज दर पर लोन दिया जाता है, जो अन्य सामान्य लोन की तुलना में बहुत कम है। स्किल अपग्रेडेशनः कारीगरों को आधुनिक तकनीकों और उपकरणों का उपयोग करने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है, ताकि वे अपने काम में दक्षता ला सकें और उत्पादन क्षमता को बढ़ा सकें। उपकरणों की मदद: कारीगरों को उनके कार्यों के लिए आधुनिक उपकरण भी दिए जाते हैं, जिससे उनका काम सरल और अधिक प्रभावी हो सके।

 

 
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