छत्तीसगढ़

बाघ को रास आ रहा है बारनवापारा अभ्यारण्य

बाघ मानव द्वंद से बचाना प्रमुख चुनौती : डीएफओ मयंक अग्रवाल

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बलौदाबाजार । विगत 4 माह से जिला बलौदाबाजार-भाटापारा के अंतर्गत विचरण कर रहे बाघ को बारनवापारा अभ्यारण्य संभवत रास रहा है.बार क्षेत्र में उनके संवर्धन एवं संरक्षण के संबध में महत्वपूर्ण जानकारी डीएफओ मयंक अग्रवाल ने साझा किए। उक्त जानकारी आज अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर आयोजित विशेष कार्यशाला में कही गई। वनमंडल बलौदाबाजार द्वारा बारनवापारा अभ्यारण्य के पर्यटक ग्राम बार में बाघ के संरक्षण एवं संवर्धन के दृष्टिकोण से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें विशेष रूप से बलौदाबाज़ार एवं महासमुन्द सहित स्थानीय मीडिया प्रतिनिधि गण उपस्थित रहे।

कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए मयंक अग्रवाल ने कहा की अभी मुख्य चुनौती बाघ मानव द्वंद से बचाना है। आमजनों, ग्रामीणों को कोई तकलीफ ना हो इसका विशेष ख्याल वन विभाग के द्वारा रखा जा रहा है. बाघ के द्वारा अभी तक किसी प्रकार की जनहानि नही किया गया है। इसके द्वारा अभी तक 4 मवेशियों के शिकार करने की जानकारी प्राप्त हुई है। यदि किसी किसान की पशुहानि होती है तो उसको तत्काल मुआवजा विभाग द्वारा प्रदान की जाएगी साथ ही उन्होंने बताया की बाघ के लिए क्षेत्र में पर्याप्त खाना उपलब्ध है इसलिए वह लगातर क्षेत्र में उपस्थित है। बाघ के मल से जो सैंपल लिए गए है उनमें जंगली सुअर के भी अंश मिले है। अभी अध्ययन से संभवतः बाघ अपने क्षेत्र का पहचान कर रहा है वर्तमान समय में बाघ से सतर्क रहने की आवश्यकता है। डब्ल्यू डब्ल्यू एफ एवं एनटीसीए गाइड के अनुसार उनको ट्रेकिंग के लिए पूरे क्षेत्र को अलग-अलग जोन में बांटकर ढाई सौ से अधिक टैªप कैमरा लगाया गया है। ट्रैप कैमरा के माध्यम से न केवल बाघ की फोटो बल्कि अन्य जानवरों के भी फोटो ट्रैप हुए है। गोपनीयता एवं गाईड लाईन को रखते हुए यह सारे कार्य किए जा रहे है। इस दौरान भविष्य में टूरिज्म सर्किट की संभावनाओं को लेकर विस्तृत चर्चा की गई। इसके साथ ही कार्यशाला में बारनवापारा अभ्यारण्य अधीक्षक आनंद कुदरया के द्वारा विगत लगभग 04 माह से विचरण कर रहे बाघ के संबंध में पावर पॉइंट के माध्यम से विस्तृत जानकारी साझा किया गया एवं बाघ के संरक्षण एवं संवर्धन संबंधित जानकारी जन प्रतिनिधियों एवं स्थानीय मीडिया को अवगत कराया गया। बाघ की सुरक्षा हेतु विशेष स्थानीय ग्रामीणों की मदद से बाघ निगरानी दल बनाया गया है एवं बारनवापारा अभ्यारण्य में बाघ निगरानी हेतु टाइगर सेल का भी गठन कर अलग से कार्यालय स्थापित किया गया है। जहाँ पर प्रतिदिन बाघ की जानकारी एकत्रित कर संधारित की जा रही है। साथ ही साथ बाघ की सुरक्षा तथा उसके गतिविधियों की जानकारी हेतु अधिकारियों, वनकर्मचारी के द्वारा निरंतर रात्रि गस्त किया जा रहा है तथा बाघ के विचरण क्षेत्रों की जानकारी ग्रामीणों को मुनादी करा कर तथा बैठक लेकर प्रसारित कर वन क्षेत्रों में नहीं जाने हेतु समझाइश दिया जा रहा है। बाघ की सुरक्षा हेतु निरंतर आवश्यकतानुसार बाघ विशेषज्ञों तथा उच्चाधिकारियों से सतत मार्गदर्शन लिया जा रहा है। इस दौरान पत्रकारों के शंकाओ को भी दूर किया गया। इस मौके पर बाघ को देखने वाले ग्राम दोंद निवासी छन्नूलाल चौहान भी उपस्थित रहे। उक्त कार्यशाला में प्रभारी उपवनमंडलाधिकरी कसडोल प्रशिक्षु आईएफएस.अक्षय दिनकर भोसले, प्रशिक्षु आई.एफ.एस. प्रभारी वन परिक्षेत्र अधिकारी अर्जुनी विपुल अग्रवाल बारनवापारा अभ्यारण्य अधीक्षक आनंद कुदरया,परिक्षेत्र अधिकारी बारनवापारा सुनिल खोब्रागड़े, परिक्षेत्र अधिकारी कोठारी जीवन लाल साहू, बारनवापारा अभ्यारण्य के अधिकारी एवं कर्मचारियों के साथ स्थानीय मीडिया के प्रमुख सदस्य भी उपस्थित रहें।

 
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