छत्तीसगढ़

भिलाई इस्पात संंयंत्र के ब्लास्ट फर्नेस ने तोड़ा सर्वकालिक रिकॉर्ड

भिलाई (ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ )। भिलाई इस्पात संयंत्र ने 8 में से सिर्फ  चार ब्लास्ट फर्नेसों के सफल प्रचालन से 22 फरवरी को एक ही दिन में 18,037 टन हॉट मेटल का उत्पादन कर एक नया सर्वकालिक कीर्तिमान स्थापित किया है। मात्र चार फर्नेसों के माध्यम से यह हॉट मेटल उत्पादन अब तक का सर्वाधिक दैनिक रिकॉर्ड उत्पादन है, जो भिलाई इस्पात संयंत्र के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित हुआ है। यह अभूतपूर्व उपलब्धि भिलाई इस्पात संयंत्र की समर्पित टीम की मेहनत, प्रतिबद्धता और उच्चतम दक्षता का परिणाम है।

संयंत्र ने इस परिणाम को प्राप्त करने में न केवल अपने फर्नेसों के प्रचालन को कुशलतापूर्वक अनुकूलित किया, बल्कि रॉ मटेरियल के प्रबंधन में भी प्रभावशीलता और समन्वयन का सर्वोत्तम उदाहरण पेश किया है। इस सफलता में सम्बद्ध विभिन्न विभागों के बीच सामंजस्यपूर्ण सहयोग और प्रभावी प्रबंधन की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए, भिलाई इस्पात संयंत्र के निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता ने ब्लास्ट फर्नेस के साथ समस्त इस्पात बिरादरी को बधाई दी और आगामी लक्ष्यों को हासिल करने के लिए अपनी शुभकामनाएं प्रदान की हैं। कार्यपालक निदेशक वक्र्स राकेश कुमार ने इस उपलब्धि के लिए प्रयासरत रही टीम को संयंत्र के ब्लास्ट फर्नेस पहुंच कर बधाई दी।

उन्होंने इस सफलता के लिए उत्पादन से संलग्न समस्त टीम को बधाई दी और फर्नेस के साथ-साथ सम्बद्ध सभी सहयोगी विभागों के कर्मचारियों की मेहनत, टीम भावना और समन्वय की सराहना की। उन्होंने फर्नेस टीम को बधाई देते हुए सारगर्भित तरीके से कहा कि यह सफलता भिलाई इस्पात संयंत्र के सभी कर्मचारियों की

कड़ी मेहनत और समर्पण का परिणाम है। उन्होंने कहा कि उत्पादन और श्रेष्ठ निष्पादन जरुरी है पर इससे ज्यादा जरुरी सुरक्षा हैं। संयंत्र में हर टन उत्पादन पूरी सुरक्षा के साथ हों। सिर्फ चार फर्नेसों के प्रचालन करते हुए एक दिन में 18,037 टन हाट मेंटल का उत्पादन इस्पात उद्योग में एक उल्लेखनीय उपलब्धि हैं। यह भिलाई ने पहली बार हासिल करते हुए एक नया रिकॉर्ड बनाया है।

सेल और भिलाई के लिए यह मील का पत्थर भिलाई इस्पात संयंत्र की प्रतिबद्धता को स्पष्ट रूप से दिखाता है, जिसमें न केवल उत्पादन क्षमता का विस्तार किया गया है, बल्कि हर कदम पर उत्कृष्टता, सुरक्षा और पर्यावरणीय मानकों को भी प्राथमिकता दी गई है। इस उत्कृष्ट प्रदर्शन के साथ भिलाई इस्पात संयंत्र ने यह साबित कर दिया है कि वह अपने सामथ्र्य, तकनीकी दक्षता और समर्पण के साथ देश की इस्पात उद्योग में अग्रणी बने रहते हुए अपनी मापित क्षमता को भी हासिल कर लेगा।

 
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