छत्तीसगढ़ में दिव्यांगजनों की नियुक्ति प्रक्रिया में बड़ा बदलाव अब ज्वाइनिंग से पहले मेडिकल बोर्ड करेगी जांच

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने शासकीय सेवाओं में फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र के आधार पर होने वाली नियुक्तियों को रोकने के लिए कड़ा और कठोर कदम उठाया है। राज्य में ऐसे मामलों में लगातार वृद्धि देखी जा रही थी, जिससे वास्तविक दिव्यांगों के रोजगार के अवसर प्रभावित हो रहे थे।
नए निर्देशों के तहत होंगे 2 अनिवार्य चरण
सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) ने सभी विभागों, निगमों, मंडलों और अधीनस्थ कार्यालयों को लिखित आदेश जारी किया है। अब किसी भी दिव्यांग उम्मीदवार को नियुक्ति आदेश जारी करने से पहले 2 प्रक्रियाएं अनिवार्य होगी।
शारीरिक परीक्षणः उम्मीदवार की दिव्यांगता का प्राथमिक सत्यापन।
मेडिकल बोर्ड जांचः दिव्यांग प्रमाण पत्र की वैधता और वास्तविकता की पुष्टि।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि इन दोनों प्रक्रियाओं के बिना कोई नियुक्ति आदेश जारी नहीं किया जाएगा और निर्देशों की अनदेखी करने वाले विभागों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचे फर्जी प्रमाण पत्र के मामले
बीते कुछ महीनों में राज्य में फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाने के लगभग 150 से अधिक मामलों की पहचान हुई। इनमें कई प्रकरण हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचे, लेकिन अधिकांश फर्जी कर्मचारी अभी भी सेवा में बने हुए हैं।
सरकार ने इस मामले को सार्वजनिक प्रशासन और नैतिकता की बड़ी चुनौती मानते हुए इसे रोकने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए।
नई भर्तियों के लिए भी निर्देश जारी
सरकार ने यह भी निर्देश दिया है कि दिव्यांगजनों के लिए आरक्षित 7% पदों की भर्ती में देरी नहीं होनी चाहिए।
सभी विभाग रिक्त पदों की समीक्षा करें।
बैकलॉग पदों पर विशेष भर्ती अभियान तुरंत शुरू किया जाए।
भरे और रिक्त पदों की अद्यतन सूची GAD और समाज कल्याण विभाग को भेजी जाए।

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