छत्तीसगढ़

विश्व में पहली बार किडनी की नस में रुकावट का लेजर एंजाइमर विधि से सफल उपचार

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रायपुर। डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय स्थित एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट (एसीआई) में 66 वर्षीय मरीज के किडनी को खून की आपूर्ति करने वाली बायीं धमनी में सौ प्रतिशत रुकावट और हृदय की मुख्य नस में 90 प्रतिशत रुकावट का लेजर एंजाइमर विधि से सफल उपचार किया गया। उपलब्ध मेडिकल लिटरेचर के अनुसार, यह विश्व में लेजर एंजियोप्लास्टी द्वारा किडनी की नस के पूर्ण ब्लॉक के उपचार का पहला केस है। एसीआई के कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. स्मित श्रीवास्तव के नेतृत्व में हुए इस उपचार ने मरीज को रीनल फेल्योर और हार्ट फेल्योर से बचा लिया।

डॉ. स्मित श्रीवास्तव ने बताया कि मरीज के किडनी को खून की आपूर्ति करने वाली दोनों नसों में ब्लॉकेज था – एक में 100 प्रतिशत और दूसरी में 70-80 प्रतिशत। लेफ्ट रीनल आर्टरी के मुख्य ब्लॉकेज के कारण खून का प्रवाह बिल्कुल बंद हो चुका था। इसके साथ ही, मरीज के हृदय की मुख्य नस में 2023 में निजी अस्पताल में स्टंट लगा था, जो अब बंद हो गया था। इन समस्याओं के कारण मरीज को हार्ट फेल्योर, हाइपरटेंशन, सांस लेने में तकलीफ और बी. पी. कंट्रोल में नहीं आ रहा था।

उपचार प्रक्रिया:
लेफ्ट रीनल आर्टरी ब्लॉकेज: सबसे पहले, लेफ्ट रीनल आर्टरी जो 100 प्रतिशत ब्लॉक थी, उसमें कठोर ब्लॉकेज को एक्जाइमर लेजर से हटाया गया। इसके बाद बैलून से रास्ते को बड़ा किया गया और स्टंट लगाकर नार्मल फ्लो को किडनी में वापस चालू किया गया। ब्लॉकेज हटने के साथ ही बी. पी. में सुधार हुआ।

हृदय की मुख्य नस में ब्लॉकेज:
पूर्व में हुई एंजियोप्लास्टी के कारण हृदय की बायीं साइड की मुख्य नस लेफ्ट एंटीरियर डिसेंडिंग आर्टरी में 90 प्रतिशत से अधिक रुकावट थी। इसको भी लेजर के जरिये खोलकर रास्ता बनाया गया। फिर बैलून से रास्ते को बड़ा किया गया और एक नया स्टंट डालकर रुकावट को पूरी तरह हटाया गया।

पूरी प्रक्रिया सफल रही और मरीज अब ठीक है तथा डिस्चार्ज लेकर घर जाने को तैयार है। डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि इस उपचार ने मेडिकल क्षेत्र में एक नई उम्मीद जगाई है और भविष्य में इस विधि का उपयोग अन्य मरीजों के लिए भी किया जा सकेगा।

 
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