दंतेवाड़ा की पूर्णिमा ने बनाया ’’पढ़ाई का कोना’’ अब करेंगी किशोरों को प्रेरित
दंतेवाड़ा (ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ )। जिला के कुआकोंडा विकासखंड के ग्राम बेदीपारा की एक किशोर बालिका ने एक प्रशिक्षण में भाग लेने के बाद अपने घर में पढ़ाई का कोना बना डाला। हुआ यह कि बीते गुरुवार को मितानिन दीदियों, ग्रामीण महिलाओं, अभिभावकों और किशोरों के बीच एक कार्यशाला हुई। इस कार्यशाला में जिला प्रशासन, यूनिसेफ और सर्वहितम के सहयोग से चलित रूप नहीं गुण को देखो, आज क्या सीखा तथा पढ़ाई का कोना कार्यक्रम के बारे में विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया।
इसमें उपस्थित पूर्णिमा नागवंशी पिता आसाराम नागवंशी ने इसके महत्त्व को गंभीरता से सूना। उसने घर पहुँचते ही एक योजना बनायीं और घर में अपनी माँ की पुरानी साड़ी का घेरा बनाकर घर मे पढ़ाई का कोना बना दिया। इसमें उसने पुस्तकें व्यवस्थित की। दीवार पर रूटीन चिपकाया। अब उसने इसी जगह पर पढाई करना प्रारम्भ कर दिया है।
इस कोना के प्रभाव पर पूछने पर उसने बताया कि पहले की अपेक्षा हमारी पढ़ने में दिलचस्पी बढ़ रही है। मेरे माता – पता भी मुझे इसमें सहयोग करने लगे हैं। गाँव के युवाओं के प्रति अपने दायित्व पर उसने बताया कि अब मैं अपने गाँव के किशोर बालक-बालिकाओं को पढाई का कोना के महत्त्व के बारे में बताउंगी और उसके निर्माण करने के लिए प्रेरित करुँगी।
उक्त जानकारी जिला समन्वयक राजेश बघेल ने देते हुए बताया कि दंतेवाड़ा जिला के चयनित 100 गांव में किशोरों के समग्र विकास हेतु रूप नहीं गुण को देखो, आज क्या सीखा तथा पढ़ाई का कोना कार्यक्रम कार्यान्वित हो रही है।

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