छत्तीसगढ़

कांग्रेस नेत्री का जाति प्रमाणपत्र हुआ निलंबित, पहाड़ी कोरवा की जमीन पर दबंगई से कर रखा है कब्जा

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कोरबा। खुद को ओबीसी कहने वाले नगर निगम के महापौर राजकिशोर प्रसाद के बाद अब कांग्रेस नेत्री रंजना सिंह के आदिवासी होने के दावे की भी पोल खुल गई है। प्रशासन ने शिकायत और जांच के बाद रंजना सिंह के आदिवासी होने जारी किए गए जाति प्रमाण पत्र को निलंबित करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में अनुशंसा करते हुए सदस्य सचिव, जिला स्तरीय प्रमाण पत्र सत्यापन समिति कोरबा ने संचालक एवं सदस्य सचिव, उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति, जाति जांच प्रकोष्ठ संचालनालय, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास रायपुर को पत्र भी प्रस्तुत किया है। इस मामले में फिरत राम पहाड़ी कोरवा पिता स्व. पंचराम, ग्राम आंछीमार द्वारा रंजना सिंह के आदिवासी होने पर सवाल उठाते हुए जाति प्रमाण पत्र की जांच किए जाने शिकायत की गई थी। जांच उपरांत जिला स्तरीय प्रमाण पत्र सत्यापन समिति द्वारा आनावेदक रंजना सिंह को तहसीलदार कोरबा द्वारा जारी जाति प्रमाण पत्र को निलंबित करने का निर्णय लिया गया है। कार्यवाही विवरण एवं प्रकरण में संलग्न सहपत्र सहित मूल प्रकरण आवश्यक कार्यवाही के लिए मुख्यालय भेज दिया गया है। अब इस मामले में रंजना सिंह के खिलाफ जिला प्रशासन क्या कार्यवाही करता है, यह तो आने वाले समय में पता चलेगा। रंजना सिंह ने अपने आप को आदिवासी वर्ग की महिला बन कर शहर के बहुत से लोगों के खिलाफ आजाक थाने में मामला दर्ज किया था। क्या इसके विरुद्ध भी कोई मामला दर्ज होगा, यह सवाल को बनता है।


आदिवासी भूमि को फर्जी तरीके से रजिस्ट्री, पहाड़ी कोरवा को भी नहीं छोड़ा

इससे यह साफ होता है कि रंजना सिंह फर्जी जाति प्रमाण पत्र के अधार पर आदिवासी बन बैठी और आदिवासी भूमि को फर्जी तरीके से रजिस्ट्री करा ली। बात यही खत्म नहीं हुई, आदिवासी वर्ग की महिला बन रंजना सिंह ने कहीं और की जमीन को लेकर कहीं और कब्जा कर लिया। उसने राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र पहाड़ी कोरवा जनजाति आदीवासी फिरतराम कोरवा की पुस्तैनी जमीन पर बलपूर्वक कब्जा कर रखा है। उधर अपने ही हक के लिए मजबूर फिरतराम कोरवा और उसके परिवार ने अपने साथ हुए अन्याय के लिए लंबे समय से सरकारी दफ्तरों के चक्कर पे चक्कर काट रहे हैं।


दिखाती रही अपने आप पूर्व राजस्व मंत्री का करीबी होने का धौंस
रंजना सिंह अपने आप को कोरबा विधायक और पूर्व राजस्व मंत्री के करीबी और महिला नेत्री बताकर अब तक सभी जगहों पर जांच को प्रभावित करने की कोशिश करते आई है। थक-हारकर फिरतराम कोरवा और उनके परिवार ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के नाम ख़त लिखकर आप बीती बताई। तब जाकर जिला प्रशासन व पुलिस अधीक्षक ने संज्ञान लेते हुए त्वरित जांच कार्यवाही तेज की। जिला प्रशासन ने टीम गठित कर पहाड़ी कोरवा आदिवासी किसान की जमीन की सीमांकन के लिए आदेश जारी किया। साथ ही बहुत समय से चल रहे जाति संबंधी शिकायत पर भी जांच में तेजी लाई गई। जिला स्तरीय छानबीन समिति द्वारा रंजना सिंह की जाति को फर्जी पाने पर निलंबित करने का आदेश जारी किया गया।

 
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