छत्तीसगढ़

पावर बदलते ही खदानों में फिर बढ़ा डीजल माफिया का पावर, कारोबार पर अंकुश लगाने वालों के फ्यूल खत्म

Spread the love
Listen to this article

कोरबा- दिन रात पावर जनरेट करने वाली पावरसिटी कोरबा में करोड़ों का डीजल पार करने वालों का पावर भी बढ़ता जा रहा है। प्रतिदिन सैकड़ों लीटर डीजल पेट्रोल की तरह न जाने कहां हवा जाता है, किसी को हवा नहीं लगती।

वो बात अलग है, कि यह सिंडीकेट चलाने वालों की खैर खबर बहुतों को है, पर जिन्हे इस गोरखधंधे पर अंकुश लगाने की जिम्मेदारी मिली, उनमें फिक्र नजर ही नहीं आती। मानों अवैध कारोबारियों के पीछे भागते भागते उनका अपना ही फ्यूल भी खत्म हो गया हो।

चुनावी निपटने तक बरती गई सख्ती के बाद शांत पड़े गिरोह एक बार फिर एक्टिव हो गए हैं। खदान क्षेत्रों और खासकर कुसमुंडा इलाके में इस कारोबार ने काफी तेजी पकड़ रखी है। डीजल माफिया के गुर्गे कैम्पर लेकर अनाधिकृत क्षेत्रों में ऐसे घुस आते हैं, जैसे उन्हें किसी खुली छूट दे रखी हो। भला ऐसे में इलाके के पहरेदार और जिम्मेदार अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठना तो बनता है। निर्वाचन कार्य की व्यस्तता खत्म होने के बाद पुलिस डिपार्टमेंट ने कमान कसते हुए ताबड़तोड़ कार्यवाही की। पुलिस कप्तान के आदेश पर मानों पूरा महकमा टूट पड़ा और कुछ वक्त के लिए तो जैसे माफिया की जड़े तक हिल गईं। पर कहते हैं कि वक्त सबका मरहम है और वैसा ही हुआ और एक बार डीजल माफिया के हौसले बुलंद नजर आ रहे हैं। उल्लेखनीय होगा कि बीते 5 वर्षों में डीजल गैंग को ऑपरेट करने वाले माफियाओं के खिलाफ पुलिस प्रशासन की नरमी के कारण आज तक इस अवैध कारोबार पर कभी भी पूरी तरह से अंकुश नहीं लग सका है। ऐसे में प्रदेश में सरकार बदलने के बाद एक बार फिर ये गैंग एसईसीएल की खदानों में सक्रिय होने लगे हैं। कोरबा जिला में संचालित एसईसीएल की खदान कोयला उत्पादन के साथ ही कोयला और डीजल चोरी के लिए पूरे छत्तीसगढ़ में चर्चित है। एसईसीएल की गेवरा और कुसमुंडा खदान से खुलेआम होने वाले कोयला और डीजल चोरी को लेकर जमकर राजनीति गरमाई थी।

बगैर जीएसटी हींग लगे न फिटकरी, धंधा चोखा…और झगरहा में सेठजी जा यार्ड

एसईसीएल की कोयला खदान कुसमुंडा, गेवरा, दीपका में होने वाली कबाड़ व डीजल चोरी की घटनाओं में कई बार हिंसक स्थिति भी बन चुकी है। हर रोज बेधड़क होकर चोर कैंपर लेकर खदान में घुसते हैं और वहां चलने वाले भारी भरकम वाहनों से जरीकेन में डीजल निकाल कर खदान से वापस निकल आते हैं। कबाड़ चोरी का भी कुछ ऐसा ही आलम है। खदान में रखे भारी भरकम स्क्रेप के अलावा सार्वजनिक स्थान के सरकारी संपत्ति को भी कबाड़ चोर निशाना बना रहे। पुराना लोहा खरीदने की आड़ में ट्रांसपोर्ट नगर, बाल्को, बांकीमोंगरा, दीपका, पुरानी बस्ती डेढ़ दर्जन छोटी- बड़ी कबाड़ दुकान संचालित हो रही है। कोरबा शहर से लगे झगरहा के पास कबाड़ का एक बड़ा यार्ड बनाया गया है। यहां चोरी के स्क्रैप खपाए जाते हैं। बताया जा रहा है कि यह यार्ड किसी अग्रवाल जी का है, जिसे चलाने के लिए बहुत से कबाड़ चोर और चोरी का माल खपाने वाले इनके मददगार हैं। कबाड़ के वैध कारोबारी जहां जीएसटी भरकर सरकार के खजाने की ताकत बढ़ाते हैं, बिना जीएसटी वाले अवैध कबाड़ के ठेकेदार शासन को करोड़ों का चूना लगा रहे हैं।

दूर शहरों में बैठकर ऑपरेट कर रहे सरगना, निशाने कर डोजर-लोडर और डंपर

लम्बे समय से चल रहे अवैध कारोबार में कोयला और डीजल का बड़ा कारोबार कोरबा के पश्चिम क्षेत्र में संचालित है। सूत्रों की मानें तो इस गोरखधंधे में न सिर्फ स्थानीय लोगों की भूमिका है, बल्कि रायपुर में बैठकर इसके सरगना कारोबार संचालित कर रहे है। कोरबा औद्योगिक जिला होने के कारण यहां कोयला और डीजल भारी मात्रा में उपलब्ध है। डीजल चोर न सिर्फ बड़े डोजरों से डीजल निकालकर खुले बाजार में खुलेआम बेचते है बल्कि हथियारों से लेस होकर एक समूह में खदानों में प्रवेश करते है।

 

रात के अंधेरे में रैंप या शेड में रखे बड़े डोजर-लोडर और डंपरों से हजारों लीटर डीजल निकाल रहे हैं। यह कहना बेमानी होगी कि पुलिस इस मामले से अनभिज्ञ है इसके बावजूद डीजल की चोरी का खेल बड़े स्तर पर खेला जा रहा है।

 
HOTEL STAYORRA नीचे वीडियो देखें
Gram Yatra News Video

Live Cricket Info

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button