छत्तीसगढ़

ई-टेंडरिंग व्यवस्था खत्म होने से ठेकेदारों में राहत

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रायपुर। राज्य शासन ने अब समस्त ठेका ई-टेंडरिंग से हटाकर मेन्युअल करने का आदेश जारी कर दिया है। इस आशय की खबर ठेकेदारों के बीच तेजी से दौड़ रही है। सूचना मिलते ही ठेकेदारों ने शासन के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने इससे स्थानीय ठेकेदारों को बेहतर अवसर मिलने की बात भी कही है।
प्रदेश के सभी निर्माण एजेंसी पीडब्ल्यूडी, आरईएस, नगर निगम, पीएचई आदि में सरकारी काम का टेंडर ऑनलाइन जारी होता है। इसमें पूरे प्रदेश के कोई भी ठेकेदार अपनी निविदा डाल सकते थे। इस व्यवस्था में बड़ा बदलाव करते हुए ई-टेंडरिंग सिस्टम को ही खत्म कर दिया गया है।
मतलब अब अधिकारी खुद मेन्युअल टेंडर लगाएंगे और उसी आधार पर ठेका भी दिया जाएगा। ई-टेंडर घोटाला सामने आने के बाद सरकार ने इस तरह का निर्णय लिया है। इससे पूर्व 20 लाख रुपये तक के टेंडर को ऑनलाइन सिस्टम से हटाया गया था। अब संपूर्ण ठेके को इससे हटा दिया गया है।
– सरकार के इस निर्णय का स्वागत है। ई-टेंडर घोटाल सामने आ चुका है। इस ऑनलाइन व्यवस्था के कारण दर्जनों काम अधूरे पड़े हैं। शासन और आम छोटे सप्लायरों के लाखों रुपये जाम हो गए हैं। नई व्यवस्था से ठेकेदारों को राहत मिलेगी और विकास कार्य जल्द और गुणवत्ता के साथ हो पाएगा।- सौरभ मिश्रा, अध्यक्ष पीडब्ल्यूडी ठेकेदार संघ
– ई-टेंडर व्यवस्था हटने का लाभ सबसे पहले तो स्थानीय ठेकेदारों को मिलेगा। उनका महत्व अपने जिले में बढ़ेगा। ई-टेंडर में कई तरह का घोटाला भी सामने आ रहा था। ऐसे में शासन का निर्णय स्वागत योग्य है। विकास कार्य अब जल्द और तय गुणवत्ता के अनुसार होते हुए दिखेगा। – राजकुमार तिवारी, अध्यक्ष, नगर नगम ठेकेदार संघ

 
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