छत्तीसगढ़नेशनल

डॉक्टर नहीं लिखते जैनेरिक दवाइयां, CG हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से मांगा जवाब

Spread the love
Listen to this article

छत्तीसगढ़ के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टर मरीजों के लिए जैनेरिक दवाइयां नहीं लिख रहे हैं। इस मामले में दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी और जस्टिस आरसीएस सामंत की डिवीजन बेंच ने केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर दस सप्ताह में जवाब मांगा है। याचिका में बताया गया है कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने सेवारत डॉक्टरों के लिए जैनेरिक दवाइयां लिखना अनिवार्य कर दिया है। फिर भी इस आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है।

कोरबा के RTI एक्टिविस्ट लक्ष्मी चौहान ने अधिवक्ता संजय अग्रवाल के माध्यम से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। इसमें बताया गया है कि केंद्र सरकार के निर्देश पर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने 2016 में डॉक्टरों को जैनेरिक दवाइयों की अनिवार्यता के संबंध में दिशा निर्देश जारी किया था। इसके बाद 21 अप्रैल 2017 को नोटिफिकेशन जारी किया था, इसके अनुसार सभी शासकीय और प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टरों को सिर्फ जैनेरिक दवाइयां ही लिखने का प्रावधान है। इसके साथ ही जैनेरिक दवाइयां उपयोग करने का भी निर्देश हैं। इसके बाद भी राज्य के सरकारी और प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टर प्रिस्क्रिप्शन में जैनेरिक दवाइयां नहीं लिख रहे हैं। याचिका में छत्तीसगढ़ में जैनेरिक दवाइयों को अनिवार्य करते हुए राज्य शासन को आदेशित करने की मांग की गई है।

याचिका में बताया गया है कि MCI के नोटिफिकेशन के अनुसार फिजिशियन को कैपिटल लेटर में सिर्फ जेनरिक दवाओं का नाम ही लिखना है। लेकिन, प्रदेश में इसका पालन नहीं किया जा रहा है। याचिका में MCI गाइडलाइन का पालन कराने की मांग की गई है।

RTI एक्टिविस्ट लक्ष्मी चौहान ने बताया है कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने नोटिफिकेशन में स्पष्ट किया है कि जैनेरिक दवाइयों का नाम नहीं लिखना पेशेवर कदाचरण, शिष्टाचार नैतिकता नियम 2002 के खिलाफ है। लिहाजा, इस तरह से कदाचरण करने वाले डॉक्टरों पर कार्रवाई की जाए और उनका लाइसेंस निरस्त किया जाए। ताकि, मेडिकल काउंसिल के दिशानिर्देशों का पालन हो सके।

 
HOTEL STAYORRA नीचे वीडियो देखें
Gram Yatra News Video

Live Cricket Info

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button