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आधे वेतन में भी काम करने को तैयार जेट कर्मचारी, कहा- स्वयं चलाएंगे एयरलाइन

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संकटग्रस्त जेट एयरवेज के भविष्य पर अनिश्चितता के बीच उसके कर्मचारियों ने एसबीआई को पत्र लिखकर एयरलाइन को चलाने का प्रस्ताव दिया है। एयरलाइन की दो कर्मचारी यूनियनों ने सोमवार को कहा कि अगर उन्हें बोली लगाने का मौका मिले तो वे बाहरी निवेशकों से 3,000 करोड़ रुपये जुटा लेंगे।
यह पहला मौका है जबकि कर्मचारी 25 साल पुरानी एयरलाइन का परिचालन करने का प्रस्ताव लेकर आए हैं। एयरलाइन का परिचालन 17 अप्रैल से बंद है। एयरलाइन की पायलटों व इंजीनियरों का प्रतिनिधित्व करने वाले दो संघों सोसायटी फॉर वेलफेयर आफ इंडियन पायलट्स तथा जेट एयरक्राफ्ट मेनटेनेंस इंजीनियर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने प्रमुख ऋणदाता बैंक एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार को पत्र लिखकर एयरलाइन का परिचालन अपने हाथ में लेने का प्रस्ताव किया है। इन यूनियनों का कहना है कि वे एयरलाइन के परिचालन के लिए 7,000 करोड़ रुपये का प्रबंध कर सकती हैं। संगठन के सदस्यों की संख्या 800 है जबकि इंजीनियर्स एसोसिएशन के सदस्यों की संख्या करीब 500 है। दोनों यूनियनों ने कुमार से कर्मचारियों के समूह के प्रस्ताव पर विचार को कहा है।
पत्र के अनुसार, हमारे शुरुआती अनुमान के अनुसार पांच साल के कर्मचारी शेयर स्वामित्व कार्यक्रम से आमदनी 4,000 करोड़ रुपये रहेगी। इसके अलावा बाहरी निवेशकों से भी करीब 3,000 करोड़ रुपये का निवेश जुटाया जा सकता है। गौरतलब है कि जेट के लिए छह निवेशकों ने बोली लगाई है और दस मई तक एयरलाइन के नया खरीदार सामने आने की संभावना है।
विमानन क्षेत्र में संकट के कारण एयरलाइन कर्मियों का वेतन बढ़ने की बजाय घट सकता है। यही नहीं नौकरी गंवा चुके विमानन क्षेत्र के पेशेवर मौजूदा वेतन के आधे पर भी काम करने को तैयार हैं। माइकल पेज इंडिया के निदेशक मोहित भारती ने कहा कि थोड़े समय तक यह संकट बना रहेगा। वहीं टीमलीज सर्विसेज के उपाध्यक्ष (नियुक्ति) अजय शाह ने कहा कि जेट के ऊंचे वेतन ढांचे की वजह से वेतन को तर्कसंगत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किंगफिशर एयरलाइंस के आने के बाद विमानन क्षेत्र में वेतन काफी ऊंचा हो गया था।

 
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