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भारत में बिना ड्राइवर वाली कार को मंजूरी देना कितना बड़ा ख़तरा हो सकता है

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भारत में आईटी सेक्टर पर ऑटोमेशन ने लाखों कामगारों के सामने संकट पैदा कर दिया है। कहा जा रहा है कि आने वाले पांच साल में ऑटोमेशन के चलते अगले 5 साल में इंडियन आईटी सर्विसेज इंडस्ट्री को लो स्किल वाली 6.4 लाख जॉब्स का लॉस हो सकता है।
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि वह भारत में फ़िलहाल स्वचालित कारों को मंजूरी नहीं दे सकते हैं क्योंकि इससे रोजगार पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है। जानकारों की माने तो बिना ड्राइवर वाली कार आने से भारत में ट्रांसपोर्ट सेक्टर से जुड़े करीब 22 लाख लोग बेरोजगार हो जाएंगे।
जानकारों का मानना है कि आने वाले 30 सालों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंसानी बुद्धिमता को पछाड़ देगी। अलीबाबा समूह के संस्थापक जैक मा का कहना है कि ऑटोमेशन से संभव है कि लोगों को भविष्य में दिन में चार घंटे या हफ्ते में चार दिन ही काम करना पड़ेगा
हालाँकि गडकरी ने यह भी कहा था कि भारत में बिना ड्राइवर वाली कार उतारने के हालात नहीं हैं, लेकिन भविष्य के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। गडकरी ने कहा कि भारत सरकार ओला-ऊबर की तर्ज पर एक ऐप लांच करेगी। इसके जरिए देशभर से कैब चालकों को जोड़ा जाएगा, ताकि लाखों लोगों को रोजगार दिया जा सके।
हालाँकि उन्होंने भारत इस प्रयोग से इंकार भी नहीं किया है। विदेशी कार कंपनी टेस्ला अब भारत में कदम रखने जा रही हैं। टेस्ला ड्राइवरलैस कार बनाने सफल हो चुकी है और कंपनी का कहना है कि आनेवाले 20 सालों के भीतर विश्वभर में 15 से 20 प्रतिशत गाड़ियां ड्राइवर रहित हो जायेंगी।

 
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