रायपुर। भारतीय जनता पार्टी ने टिकट वितरण से पहले मचे कांग्रेसी दंगल पर एक बार फिर चुटकी ली है। पार्टी ने कहा कि कई बार स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक के बावजूद कांग्रेस अपने प्रत्याशियों की घोषणा तक नहीं कर पा रही हैभाजपा के प्रदेश प्रवक्ता भूपेन्द्र सवन्नी ने कहा कि दूसरे दलों की वैचारिक असहमति को भी अंतर्कलह के रूप में प्रचारित करने वाली कांग्रेस आज छत्तीसगढ़ में अपने राजनीतिक जीवन के सबसे शर्मनाक अंतर्कलह से जूझ रही है। कांग्रेस में टिकटों की खरीदी-बिक्री की चर्चा के चलते प्रदेश में अपनी राजनीतिक साख खो चुकी कांग्रेस के केन्द्रीय नेताओं ने प्रदेश नेतृत्व को आड़े हाथों लेना शुरू किया है। सेक्स सीडी और स्टिंग ऑपरेशन जैसी आपराधिक दर्जे की साजिशों के आरोपों से जूझ रहे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष की विश्वसनीयता भी दांव पर है। इसका नजारा तब पेश हुआ जब केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक से बघेल नाराजगी के साथ उठकर चले गये। उन्हें मनाने का नाटक चला तब जाकर वे बैठक में वापस लौटे।
श्री सवन्नी ने कहा कि कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जब अपनी राय से केन्द्रीय नेतृत्व का भरोसा जीतने में नाकाम नजर आ रहे हैं तो जनता का भरोसा वे कैसे जीत पाएंगे? श्री सवन्नी ने कहा कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि सेक्स सीडी और स्टिंग ऑपरेशन के बाद अब टिकटों की खरीदी-बिक्री की चर्चा के चलते प्रदेश नेतृत्व अपने बेनकाब हो जाने के अंदेशे से भयभीत और विचलित है। इसीलिए अपनी सौदेबाजी को अंजाम तक पहुंचाने के लिए कांग्रेस नेता तमाम दांव-पेंच आजमा रहे हैं। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि केन्द्रीय नेतृत्व ने मंगलवार को सीईसी बैठक में जिस तरह के तेवर दिखाए, उससे भी कांग्रेस में चल रहा सत्ता-संघर्ष उभरकर सतह पर आ गया है। इसके चलते कांग्रेस की गुटबाजी और अंतर्कलह अब विस्फोटक मुकाम पर पहुंच गई है। सुनने में तो यह भी आ रहा है पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी को चुनाव लडऩे की सलाह भी कांग्रेस के केन्द्रीय नेताओं ने दी है।
श्री सवन्नी ने कटाक्ष किया कि येन-केन प्रकारेण सत्ता हासिल करने की बदहवासी में कांग्रेस अपने दलीय लोकतंत्र का तो भद्दा मजाक बना ही रही है, प्रदेश की जनता के बीच अपनी साख भी खोती जा रही है। ऐसी स्थिति में भाजपा एक लोकतंत्र-निष्ठ भरोसेमंद राजनीतिक विकल्प के तौर पर पूरी प्रामाणिकता के साथ मिशन 65 प्लस का अपना लक्ष्य यकीनन हासिल करेगी।

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