छत्तीसगढ़

जापानी बुखार से तड़प रहे मासूम की जान डॉक्टरों ने बचाई, मेडिकल कॉलेज में चला इलाज

जगदलपुर। मेडिकल कॉलेज डिमरापाल में एक बार फिर से यहां के चिकित्सकों ने एक डेढ़ साल के बच्चे को मौत के मुंह से निकलते हुए उसे नई जिंदगी दी। बच्चे के ठीक होने पर परिजनों ने चिकित्सकों को धन्यवाद भी दिया। ज्ञात हो कि बीजापुर जिले के भैरमगढ़ के सबसे अंदरूनी क्षेत्र पिनकोड़ा में रहने वाले मन्नू के डेढ़ साल के बेटे राहुल का अचानक स्वास्थ्य खराब होने के कारण उसे 8 जून की दोपहर को बीजापुर के जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां जांच के दौरान बच्चे को झटके आने के साथ ही उसे मलेरिया, खून की कमी और सांस लेने में तकलीफ भी हो रही थी, जिसके बाद उसे दोपहर को मेकाज के लिए रेफर कर दिया गया।
 बच्चे को एंबुलेंस के माध्यम से मेकाज लाया गया, बच्चे की खराब हालत को देखते हुए उसकी जांच की गई, जहां उसका वजन 8 किलो व शरीर में 2 ग्राम खून था। चिकित्सकों ने बिना देर गवाएं उसे वेंटिलेटर में रखने के साथ अन्य जांच करने पर उसे जापानी बुखार के लक्षण भी पाए, वहीं पिता के साथ आए अन्य दो बच्चे की भी जांच करने पर उन्हें भी मलेरिया के साथ जापानी बुखार था। चिकित्सकों ने राहुल को 48 घंटे तक लगातार वेंटिलेटर में रखा, साथ ही जीवन रक्षक दवाइयों की नियमित देने से बच्चा दो दिन के अंदर ही वेंटीलेटर से बाहर आ गया, जिसे 10 जून को वेंटिलेटर से हटा दिया गया। 15 दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद न सिर्फ राहुल बल्कि उसके दोनों भाई भी ठीक हो गई। तीनों बच्चों को स्वस्थ देखने के बाद पिता की आखों से आंसू झलक उठे। 25 जून को डॉ. अनुरूप साहू के साथ ही डॉ. डी आर मंडावी, डॉ. मधुराधा राठौर के अलावा स्टाफ नर्स, वार्ड स्टाफ को पिता ने धन्यवाद देते हुए अपने घर चले गए।

123
123

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button