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कोरबा निगम के जारी है कमीशन का खेला, जनता को गड्ढे में धकेला

6 महीने बाद भी पूर्ण नही हुआ सड़क का कार्य, 85 लाख के लाख में कार्य में क्या फिक्स है कुछ खर्चा पानी, वार्ड क्रमांक 23 की जनता जान हथेली पर रख कर रही है आवागमन

सावधान! अगर आप वार्ड क्रमांक 23 रविशंकर शुक्ला नगर जा रहे हैं या फिर रविशंकर शुक्ला नगर से होते हुए कहीं और जा रहे हैं तो पहले अपना जीवन बीमा कराले। क्योंकि यहां कमीशन खोरी के चक्कर में आपकी सुरक्षा को ताक पर रखा गया है। जी हां ये बिलकुल सही है। अगर हमारी बातों पर यकीन नहीं है तो एक बार आप स्वयं ही इस रोड पर गड्ढों का आनंद ले लीजिए।

6 महीने पहले 85 लाख रुपए की लागत से पंडित रविशंकर शुक्ला नगर में सड़क निर्माण का कार्य स्वीकृत हुआ था ।4 महीने पहले इसका वर्क आर्डर भी जारी कर दिया गया ।लेकिन चंद किलोमीटर की सड़क को कमीशन के फेर में ऐसा लटकाया गया की सड़क पर गड्ढे हैं या फिर गड्ढों पर सड़क इसका आंकलन अगर आपने सही नहीं लगाया तो आपकी जान भी जा सकती है।

श्रद्धा कंस्ट्रक्शन वैसे तो कोरबा में किसी पहचान का मोहताज नहीं है ।लगभग सभी बड़े ठेके इसी कंपनी को प्राप्त है ।पंडित रविशंकर शुक्ला नगर में सड़क निर्माण का कार्य भी श्रद्धा कंस्ट्रक्शन को ही दिया गया है ।लेकिन बड़ी ठेका कंपनी को आम लोगों की समस्या से क्या लेना देना। तारीख पर तारीख देने के बाद भी जब ठेका कंपनी के लोगों ने आयुक्त प्रभाकर पाण्डेय की नहीं सुन रहे तो फिर किसी और की क्या सुनेंगे।

बताया जा रहा है कि निर्दलीय पार्षद के क्षेत्र में विकास का कार्य ना ही शहर विधायक को रास आ रहा है और ना ही महापौर को । यही कारण है कि स्तरहीन राजनीति करते हुए बड़े जनप्रतिनिधि ने क्षेत्र के विकास में अड़ंगा डाल दिया। वही विधायक की अवहेलना करने की सजा वार्ड क्रमांक 23 की जनता को भी मिल रहा है।

सूत्र यह भी बताते हैं सड़क निर्माण कार्य को रुकवाने में जितनी भूमिका जनप्रतिनिधियों की है उतनी ही भूमिका निगम के कमीशनखोर अधिकारियों की भी है ।अधिकारियों के रूप में कुख्यात डकैत सिर्फ पैसे के चक्कर में श्रद्धा कंस्ट्रक्शन को अपनी छत्रछाया में रखे हुए हैं। तभी तो एक के बाद एक निगम के सभी ठेके इसी कंपनी को दिए जा रहे हैं। काम मियाद में पूर्ण नहीं करने के बाद भी श्रद्धा कंस्ट्रक्शन पर किसी प्रकार की कार्रवाई भी नहीं होना साफ तौर पर श्रद्धा कंस्ट्रक्शन को संरक्षण देना ही साबित करता है।

आपको बता दें कि भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान सीएम भूपेश बघेल ने भी क्षेत्र में सड़क की समस्या को स्वीकार करते हुए जल्द से जल्द सभी सड़को को दुरुस्त करने का निर्देश दिया था। लेकिन कोरबा निगम प्रशासन है कि मानता नहीं। शहर विधायक निगम महापौर के इशारे पर कार्य में रोड़े अटकाए गई है

बहरहाल राजनैतिक द्वेष, कमीशन खोरी और श्रेय लेने की होड़ में वार्ड क्रमांक 23 की निर्माणाधीन सड़क का कार्य रुकवा दिया गया ।जिसमे कुल मिलाकर जनता की हानि हुई है।शहर विधायक के द्वेष रखने के कारण निगम महापौर के इशारे पर कार्य में रोड़े लगाए गए है।प्रदेश के मुख्यमंत्री का काम व नाम को धुमिल करने की कोशिश की कांग्रेसी निगम निगम सरकार कर रही है। इससे चुनाव में कांग्रेस को भारी नुक्सान हो सकता है

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