PDS घोटाले में EOW करेगी तीन IAS से पूछताछ
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रायपुर। छत्तीसगढ़ में भाजपा शासनकाल में हुए बहुचर्चित 36 सौ करोड़ के नागरिक आपूर्ति निगम(नान) घोटाले में अब आइएएस अधिकारियों से पूछताछ होगी। नान में पदस्थ वर्ष 2011 से 2015 के बीच के तीन आइएएस और एक आइएफएस से ईओडब्ल्यू पूछताछ करेगी।
ईओडब्ल्यू के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो नान के उपलेखापाल चिंतामणि चंद्राकर के लैपटाप में कई अफसरों को पैसा देने का खुलासा हुआ है। ब्यूरो ने इस लैपटॉप की प्रारंभिक जांच की है। बताया जा रहा है कि इसमें करीब 80 अधिकारियों, नेताओं और कारोबारियों के नाम सामने आए हैं।
चौंकाने वाली बात यह है कि चिंतामणि के लैपटाप में चार साल में करीब 100 करोड़ रुपये के लेन-देन की जानकारी सामने आई है। अब ईओडब्ल्यू उन लिंक की भी तलाश करने जा रही है, जिसके पास से पैसे आए हैं। ईओडब्ल्यू अधिकारियों से चितांमणि चंद्राकर के ठिकानों पर छापामारी के बाद मिले दस्तावेज के आधार पर पूछताछ होगी।
इसके लिए एक-एक करके नोटिस जारी किया जा रहा है। इससे पहले आइएफएस कौशलेंद्र सिंह से भी पूछताछ की गई है। बताया जा रहा है कि उनको एक बार फिर तलब किया जाएगा। इससे पहले नान मुख्यालय से भी ईओडब्ल्यू ने फाइल जब्त की थी। उसकी जांच भी अंतिम दौर में पहुंच गई है।
अफसरों ने संकेत दिए हैं कि जांच में पर्याप्त सबूत मिलने पर उस समय पदस्थ अफसरों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है। वर्ष 2015 में नान दफ्तर में छापे के दौरान डायरी मिली थी। उसके पन्नों को कोर्ट में पेश किया गया था। यह जांच तब सिर्फ एक साल की थी लेकिन अब छह साल की गड़बड़ी पर फोकस किया जा रहा है।
नान के अधिकारियों ने पूछताछ में बताया था कि वर्ष 2011 से ही डायरी में नान के पैसे के लेनदेन की एंट्री की जा रही थी। ईओडब्लू जांच कर रही है कि 2011 से नान में चल रही डायरी कहां है और उसे जांच में शामिल क्यों नहीं किया गया।