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रायपुर। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने चिटफंड मामले पर भूपेश सरकार द्वारा श्रेय लेने की बेजा कोशिश पर कड़ा ऐतराज जताया है। डॉ. सिंह ने कहा कि पीएसीएल द्वारा उगाही गयी रकम वापसी की कार्रवाई को केन्द्र सरकार और सेबी की पहल पर की जा रही है। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने देश भर में चिटफंड कंपनियों द्वारा ठगे गये लोगों को राहत देने के लिए लोढ़ा कमिटी का गठन किया था। कमिटी की रिपोर्ट के आधार पर अदालत खुद यह पहल कर रही है। राज्य सरकार की इसमें कोई भूमिका नहीं होने के बावजूद ट्वीट और विज्ञापन आदि जारी कर श्रेय लेने की कोशिश न केवल अमर्यादित है, बल्कि यह एक तरह से न्यायालय की अवमानना भी है।
डॉ. सिंह ने कहा कि यह समस्या किसी राज्य विशेष का है भी नहीं। केन्द्र की मोदी सरकार देशभर में ऐसी ठगी के खिलाफ गंभीर है। जनता की गाढ़ी मेहनत को वापस करने के लिए सार्थक कोशिश की जरूरत है न कि इस तरह सस्ती और हल्की राजनीति किये जाने की।
डॉ. रमन सिंह ने कहा कि कांग्रेस को यह नहीं भूलना चाहिए कि देशभर में कांग्रेस के शासन के समय ही कुकुरमुत्ते की तरह उगी चिटफंड कंपनियों ने गरीब जनता की बचत पर डाका डाला था। उस समय कांग्रेस की संलिप्तता या लापरवाही के कारण एक से एक घोटाले हुए। कांग्रेस के प्रश्रय के कारण तब कंपनियां करोड़ों की रकम समेट रातोंरात गायब हो जाती थी। राजग सरकार ने ऐसी कंपनियों के खिलाफ कड़े कानून बना इन तत्वों पर नकेल कसने की कोशिश की, जिसका फल अभी दिख रहा है।
डॉ. सिंह ने कहा कि मोदी सरकार की नीतियों के कारण देश भर में लाखों शैल कंपनियां बद हुई है। यहां तक कि नेशनल हेराल्ड मामले के खुलासे से यह भी साबित हुआ है कि खुद कांग्रेस अपने ही कमजोर कानूनों का फायदा उठाकर करदाताओं का पैसा हजम कर रही थी। डॉ. सिंह ने कहा कि ऐसे में कांग्रेस को चाहिए कि वह अपने अपराधों का प्रायश्चित करते हुए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशन में सेबी समेत सभी संबंधित कंपनियों को काम करने दे। उन्होंने भूपेश सरकार के आग्रह किया है कि इस विषय को अपनी हल्की राजनीति के लिए उपयोग नहीं करते हुए अपने सामान्य काम-काज पर ध्यान केन्द्रित करे।