छत्तीसगढ़

आयुष्मान योजना के तहत निशुल्क इलाज से बची ढाई साल के बच्चे की जान

कवर्धा । कवर्धा के परिहार हॉस्पिटल में आयुष्मान भारत योजना के तहत निशुल्क इलाज के चलते ढाई साल के बच्चे की जान बचाई गई। बोड़ला ब्लॉक के खुर्सीपार निवासी संतोष और गीता निषाद के पुत्र रंश निषाद को 12 सितंबर को निमोनिया के कारण ऑक्सीजन की कमी और सांस लेने में कठिनाई के चलते गंभीर स्थिति में परिहार हॉस्पिटल लाया गया था।

बच्चे की गंभीर स्थिति और इलाज:
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. शशि कपूर सिंह परिहार और डॉ. पुष्पराज प्रधान ने बच्चे की स्थिति को अत्यंत नाजुक बताते हुए उसे रायपुर रेफर करने की सलाह दी। हालांकि, आर्थिक रूप से कमजोर परिवार रायपुर जाकर इलाज कराने में असमर्थ था और यहीं इलाज कराने पर अड़ा रहा।

डॉ. परिहार ने परिवार की कठिन परिस्थिति को समझते हुए उन्हें आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत निशुल्क इलाज का विकल्प दिया। इसके तहत बच्चे को अस्पताल में भर्ती कर लिया गया, और डॉक्टरों की टीम ने उसकी देखभाल को एक चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुए 24 घंटे निगरानी में रखा।

जीवनरक्षक उपचार:
रंश को 13 दिनों तक लाइफ सपोर्ट सिस्टम, वेंटिलेटर, और गहन चिकित्सा के माध्यम से इलाज दिया गया। बाद में, उसे तीन दिनों तक हाई फ्लो नेज़ल कैनुला (HFNC) और फिर ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया। धीरे-धीरे उसकी हालत में सुधार हुआ, और अंततः बच्चे को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

परिवार की प्रतिक्रिया:
आर्थिक तंगी के बावजूद बच्चे का सफल इलाज कराए जाने पर संतोष निषाद और उनके परिवार ने परिहार हॉस्पिटल की पूरी टीम और आयुष्मान भारत योजना का आभार जताया। परिवार ने कहा कि अगर यह योजना और अस्पताल की मदद नहीं होती, तो उनके बच्चे की जान बचाना संभव नहीं था।

यह घटना आयुष्मान योजना की सफलता का एक और उदाहरण है, जिसमें गरीब परिवारों को निशुल्क और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराई जाती है।

 

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