छत्तीसगढ़

जशपुर के स्कूली छात्र-छात्राओं को शॉर्ट फिल्म के माध्यम से दी गई पीरियड संबंधी जानकारी

जशपुरनगर। जिला प्रशासन एवं शिक्षा विभाग द्वारा स्कूली छात्र-छात्राओं को किताबी ज्ञान के आलावा समाज के अन्य पहलुओं से जोड़ने विभिन्न कदम उठाए जा  रहे हैं। साथ ही बेहतर मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है। छात्र-छात्राओं का और ज्ञान वर्धन हो, इसके लिए  फिल्म के माध्यम से उन्हें जागरूक किया जा रहा है। इस कड़ी में आज जिला पंचायत सीईओ अभिषेक कुमार के निर्देशन पर  जिला पंचायत स्थित सभागार में जशपुर के  स्कूली छात्र-छात्राओं के लिए फिल्म का प्रदर्शन किया गया।

50 से अधिक छात्र-छात्राएं शामिल हुए : 

जहां  पीरियड संबंधी वीडियो के साथ मोटिवेशनल एवं ज्ञान आधारित शॉर्ट फिल्म दिखाई गई।  फिल्म के माध्यम से माहवारी के प्रति बालिकाओं के साथ-साथ बालकों को भी जागरूक किया गया। इस कार्यक्रम में स्वामी आत्मानंद हिंदी मीडियम बालक स्कूल एवं एमएलबी गर्ल्स स्कूल के 50 से अधिक छात्र-छात्राएं शामिल हुए। इस दौरान दोनों स्कूलों के शिक्षक-शिक्षिका भी मौजूद रहे।

फिल्म प्रदर्शन को लेकर छात्राओं नए व्यक्त की अपनी भावनाएं : 

यहां आए छात्र-छात्राओं ने कलेक्टर एवं सीईओ को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए  फिल्म प्रदर्शन को लेकर अपनी भावनाएं व्यक्त की। एमएलबी गर्ल्स स्कूल की छात्रा कु. गीता ने कहा कि यह एक सराहनीय पहल है। पीरियड को लेकर जो फिल्म प्रदर्शन किया गया उससे हमें  काफी जानकारी मिली है । हम इस विषय पर बहुत कम ही बात करते है। लड़कों को इस पर बहुत कम जानकारियां होती है लेकिन इस फिल्म के माध्यम से उन्हें भी बेहतर जानकारी मिली और उनमें भी इसे लेकर समझ जागृत होगी।

छात्रा कु. संतोषी बाई ने कहा कि डॉक्यूमेंट्री के जरिये पीरियड संबंधी जो बात बताई गई वह हम भी खुद को उससे जोड़ पाते है। घर में हम खुल कर इस विषय पर बात नहीं करते लेकिन यह फिल्म देखर हम में भी एक नई नजरिया पैदा हुई है अब हम अपने भाई या परिवार के किसी भी सदस्य से  पीरियड संबंधी बात करने पर झिझक नहीं होगी।

माहवारी के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से फिल्म का प्रदर्शन : 

फिल्म में दिखाया गया कि मासिक धर्म जीवन बालिकाओं के  जीवन की  एक पहलू है लेकिन हर माता-पिता अपने बच्चों से इस बारे में बात करने में सहज महसूस नहीं करते। अपने पहले मासिक धर्म के दौरान क्या होने वाला है, यह न जानने से लड़कियाँ चिंतित या डरी हुई महसूस कर सकती हैं और उनके मन में कई अनुत्तरित प्रश्न हो सकते हैं। लड़कियों को यह जानने की ज़रूरत है कि मासिक धर्म सामान्य है और वे जानकारी और सहायता के लिए आप और अन्य विश्वसनीय वयस्कों पर भरोसा कर सकती हैं। पीरियड्स के बारे में बात करना कोई अजीब बातचीत नहीं है। कुछ बुनियादी जानकारी और बातचीत करने की इच्छा के साथ, आप अपनी बेटी को सुरक्षित, स्वस्थ और समर्थित महसूस करते हुए उसके पीरियड्स से निपटने में मदद कर सकते हैं।

लखनऊ फिक्की फ्लो फिल्म फेस्टिवल-2023 में युवा श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ लघु वृत्तचित्र : 

सभागार में प्रदर्शित “महतारी” नामक इस डॉक्यूमेंट्री  को ब्रिटिश स्कूल नई दिल्ली की छात्रा कु. निहारिका द्विवेदी द्वारा निर्देशित किया गया है। खास बात यह कि इस डॉक्यूमेंट्री को कु. निहारिका ने ही सम्पादन किया है। मासिक हक पर आधारित इस  शॉर्ट फिल्म को अंतरराष्ट्रीय स्तर के वैश्विक युवा एक्शन फंड द्वारा सम्मानित किया गया है। साथ ही लखनऊ फिक्की एफएलओ फिल्म फेस्टिवल- 2023 में युवा श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ लघु वृत्तचित्र में शामिल है।

आदिवासी महिलाओं पर आधारित  डाक्यूमेंट्री फिल्म भी दिखाई गई : 

यहां आए छात्र-छात्राओं को पीरियड संबंधी वीडियो के आलावा  मोटिवेशनल एवं ज्ञान आधारित शॉर्ट फिल्म भी दिखाई गई।  इस डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से गांव की आदिवासी महिलाओं के जीवन के अन्य पहलुओं जैसे  आर्थिक/राजनीतिक/सामाजिक पर भी प्रकाश डाला गया है।  आदिवासी महिलाओं की जीवन यात्रा के मूल में मासिक धर्म स्वास्थ्य के लिए संघर्ष के साथ महिलाएं आज के समय में कैसे आर्थिक/राजनीतिक/सामाजिक क्षेत्र में प्रतिनिधित्व कर रहीं हैं, इसे इस डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से बखूबी दर्शाया गया है। जिससे इन छात्र-छात्राओं को निश्चित तौर पर प्रेरणा मिलेगी।

 

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