September 2, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
स्टिंग वीडियो के बाद परिवहन कार्यालय में हड़कंप, डीटीओ बोले – आधारहीन वीडियो से भयादोहन की आशंका, भ्रष्टाचार पर शिकायत के लिए कलेक्टर से संपर्क का रास्ता खुलाबाढ़ में बही पुस्तकें, टेबलेट भी हुआ खराब, पर नहीं रुकेगी पूनम की प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी,मुख्यमंत्री की पहल पर पूनम को मिली पुस्तकें और नया टेबलेटदीदी के गोठ सीएम साय ने दीदियों को प्रेरित किया, स्व-सहायता समूहों की सफलता की कहानियाँ बनी मिसालकोरबा में रेल्वे कर्मचारियों की हड़ताल: छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना और जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी ने किया समर्थनआगाज़ इंडिया का महादान: विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन,थैलेसीमिया पीड़ितों को मिला जीवनदानमौत का अड्डा बन चुका मेडिकल कॉलेज अस्पताल – अधीक्षक गोपाल कंवर की नाकामी ने ली एक और माँ की जानखेत की बाड़ी में थैले में मिला नवजात, चींटियों और कीड़ों ने काटा…ग्रामीणों में मचा हड़कंपपति की मौत के दूसरे दिन पत्नी ने भी दम तोड़ दियाबस्तर दौरे पर सीएम साय: हवाई सर्वे के बाद राहत कार्यों की करेंगे समीक्षा…पुजारी की हत्या का राजफाश एक नाबालिग समेत 5 आरोपी गिरफ्तार, वजह जानकर रह जाएंगे दंग
छत्तीसगढ़

राष्ट्रीय सीपीआर सप्ताह : शहर के प्रमुख जगहों पर नुक्कड़ नाटक के जरिए दिया गया जागरूकता का संदेश

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

बिलासपुर । भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की स्मृति में राष्ट्रीय सीपीआर सप्ताह मनाया जा रहा है। लगरा में स्थित शासकीय नर्सिंग कॉलेज की प्राचार्या, शिक्षिकाओं एवं छात्राओं द्वारा नर्सिंग छात्राओं द्वारा रचनात्मक नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत कर सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) की तकनीकों से आम नागरिकों को अवगत कराया जा रहा है।

कॉलेज की प्राचार्या वर्तिका गौरहा के कुशल मार्गदर्शन एवं कॉलेज में कार्यरत नर्सिंग शिक्षिकाओं के सहयोग से छात्राओं द्वारा अभिवनव नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लगभग 1 हजार से अधिक नागरिको को सीपीआर की जानकारी दिया गया। ज्ञानवर्धक नुक्कड़ नाटक बिलासपुर एवं उस्लापुल रेलवे स्टेशन, मैगनेटो मॉल व शहर के प्रमुख सार्वजनिक स्थल, विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में आयोजित किया जा रहा है।

सीपीआर कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन है। यह एक तहर की प्राथमिक चिकित्सा यानी फर्स्ट एड है। जब किसी पीड़ित को सांस लेने में दिक्कत हो या फिर वो सांस न ले पा रहा हो और बेहोश जो जाए तो सीपीआर से उसकी जान बचाई जा सकती है। बिजली का झटका लगने पर, पानी में डूबने पर और दम घुटने पर सीपीआर से पीड़ित को आराम पहुंचाया जा सकता है। दिल का दौरा यानी हार्ट अटैक पड़ने पर तो पीड़ित को सबसे पहले और समय पर सीपीआर दिया जाना चाहिए जिससे पीड़ित के जान बचने की संभावना कई गुना बढ़ जाता है। दिल का दौरा पड़ने से पहले एक घंटे को गोल्डन ऑवर माना जाता है। इसी गोल्डन ऑवर में हम मरीज की जान बचा सकते है। कभी-कभी एम्बुलेंस या मेडिकल सुविधा किसी कारण उपलब्ध नहीं होती है। ऐसे समय में पीड़ित के निकट उपस्थित किसी व्यक्ति के पास सीपीआर की समझ पीड़ित के लिए संजीवनी का काम करती है।

सीपीआर देने की प्रक्रिया :

सीपीआर क्रिया करने से सबसे पहले पीड़ित को किसी ठोस जगह पर लिटा दिया जाता है और प्राथमिक उपचार देने वाला व्यक्ति उसके पास घुटने के बल बैठ जाता है। पीड़ित का नाक और गला चेक कर ये सुनिश्चित किया जाता है। कि उसे सांस लेने में कोई रूकावट तो नहीं है। जीभ अगर पलट गई है तो उसे सही जगह पर उंगलियों के सहारे लाया जाता है। सीपीआर मेें मुख्य रूप से दो काम किए जाते है। पहला-छाती को दबाना और दूसरा-मुंह से सांस देना जिसे माउथ टु माउथ रेस्पिरेशन कहते है।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close